रांची. मधुपुर विधानसभा उपचुनाव में गुरुवार शाम चुनाव प्रचार थम गया. यहां 17 अप्रैल को मतदान है. मतगणना 2 मई को होगी. अब प्रत्याशी सिर्फ डोर-टु-डोर अपना कैंपेन चला सकते हैं. 1990 से लेकर अब तक के चुनाव में ऐसा पहली बार है कि चुनावी मैदान में प्रत्याशियों की संख्या मात्र 6 है.
दिग्गजों ने संभाल रखी थी चुनाव प्रचार की कमान
महागठबंधन की ओर से मधुपुर में चुनाव प्रचार की कमान झारखंड के पूर्व सीएम, राज्यसभा सांसद सह झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित सभी मंत्री मधुपुर में प्रचार की कमान संभाले थे, तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी की ओर से बाबूलाल मरांडी, निशिकांत दुबे सहित कई बीजेपी विधायक लगातार दिन-रात अपने पक्ष में मतदाताओं से कर रहे थे अपील.
भाजपा व झामुमो में होता रहा है मुकाबला
मधुपुर विधानसभा सीट पर 1995 के बाद से लगातार भाजपा व झामुमो के बीच ही मुकाबला रहा है. झामुमो के हाजी हुसैन अंसारी 1995 में चुनाव लड़े थे और उस समय चुनाव में जीत की हैटट्रिक लगा चुके केएन झा को शिकस्त दी थी. इसके बाद 2000 में हुए चुनाव में हाजी हुसैन अंसारी ने फिर से इस सीट पर जीत हासिल की थी. लेकिन 2005 में भाजपा के राज पलिवार ने झामुमो के हाजी हुसैन अंसारी को क्लीन बोल्ड कर दिया था. 2009 में झामुमो के हाजी हुसैन अंसारी ने वापसी की. 2014 में भाजपा के राज पलिवार फिर से विजयी हुए. 2019 में झामुमो ने फिर पासा पलट दिया और हाजी हुसैन अंसारी ने राज पालीवाल को करारी शिकस्त दी. अब देखना यह है कि मधुपुर के मतदाता कमल खिलाएंगे या फिर वापस लौटेगा तीर कमान.