बासुकीनाथ और देवघर मंदिर में भगवान भोलेनाथ को लगाया गया सत्तू और आम का भोग

दुमका के बासुकीनाथ मंदिर में वर्षो से चली आ रही परंपरा के अनुसार शनिवार को भगवान भोलेनाथ को सत्तू और आम का भोग लगाया गया. विसु संक्रांति सह विसुवा पर्व पर शनिवार को मंदिर प्रबंधन एवं भक्तों ने शिव के दरबार में भोलेनाथ एवं माता पार्वती को सत्तू, चना, दही, आम एवं गुड़ का भोग लगाया.

इससे पहले बाबा बासुकीनाथ मंदिर प्रबंधन के पुजारी दिनेश झा के नेतृत्व में पूरी निष्ठा के साथ भोलेनाथ की पूजा अर्चना की गई. इस अवसर पर पुजारी दिनेश बाबा ने बताया कि विसुवा पर्व पर भोलेनाथ, माता पार्वती को जौ एवं चना मिश्रित सत्तू, दही चना, आम एवं गुड़ का भोग लगाए जाने की परंपरा अनादि काल से चली आ रही है.

देवघर में भी बाबा को लगाया गया भोग. बाबा मंदिर में पोइला बैसाख के मौके पर श्रद्धालुओं ने घटदान व सत्तू दान किया. इस दौरान भगवान की विशेष पूजा-अर्चना की गई.

यह पर्व मुख्य रूप से प्रकृति से जुड़ा हुआ है, जिसमें रबी फसल की कटाई के बाद अपने इष्ट पितर एवं लोक देवताओं की पूजा-अर्चना के बाद नई फसल से बने सत्तू को नवान्न के तौर पर भगवान को भोग लगाने के बाद ग्रहण करने की परंपरा रही है.

इस पर्व के अगले दिन सबेरे घरों में चूल्हा नहीं जलता, इसलिए इसे बसिया परब कहते हैं. बसिया पर्व के दिन लोग बासी भात एवं बिसुआ के दिन बनी बरी के झोर को खाकर ही इस पर्व को मनाते हैं. खासतौर पर अंग क्षेत्र और संताल के गोड्डा, साहिबगंज, देवघर में इस पर्व की काफी धूम रहती है. इस दिन लोग पतंगबाजी भी करते हैं. हालाकि बदलते समय और शौक की वजह से इस परंपरा का अब यहा क्षरण होने लगा है.


Web Title : SATTU AND MANGO INDULGENCE IMPOSED TO GOD BHOLENATH IN BASUKINATH AND DEOGHAR TEMPLE