पाकिस्तान में कट्टरपंथियों की शर्मनाक हरकत, अहमदी समुदाय की कई कब्रों के साथ की बेअदबी

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाला दुर्व्यवहार एक बार फिर दुनिया के सामने उजागर हुआ है. इस बार अल्पसंख्यक अहमदी समुदाय की कई कब्रों के साथ मजहबी कट्टरपंथियों ने इस्लामी प्रतीकों का इस्तेमाल करने के लिए कथित तौर पर बेअदबी की है. जमात अहमदिया पंजाब के प्रवक्ता आमिर महमूद के मुताबिक ज्ञात लोगों ने लाहौर से करीब 100 किलोमीटर दूर हाफिजाबाद जिले के प्रेम कोट कब्रिस्तान में कब्रों के पत्थरों को अपवित्र किया गया. समुदाय के कब्रिस्तान में कई कब्रों के मकबरे पर इस्लामी आयतें खोदी गई हैं.   उन्होंने कहा कि कब्रों को नुकसान पहुंचाने वालों ने आपत्तिजनक शब्द भी लिखे, जो परिवारों के लिए बेहद दुखद है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में रह रहे अहमदी अपनी मौत के बाद भी चैन से नहीं हैं. अहमदी अपनी कब्रों में सुरक्षित नहीं हैं.   महमूद ने अल्पसंख्यक समुदाय की कब्रों को अपवित्र करने में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने की मांग की.

पहले भी हो चुकी बेअदबी

पहले भी पंजाब के अन्य अहमदी कब्रिस्तानों में इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन एक भी अपराधी को गिरफ्तार नहीं किया गया और न ही उस पर मुकदमा चलाया गया. इस साल अगस्त में, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अहमदी समुदाय की 16 कब्रों को कथित रूप से लाहौर से लगभग 150 किलोमीटर दूर फैसलाबाद जिले के चक 203 आरबी मनावाला में एक कब्रिस्तान में धार्मिक चरमपंथियों द्वारा कब्रों पर इस्लामी प्रतीकों का उपयोग करने के लिए अपवित्र किया गया था.

अहमदी, पाकिस्तान में बहुत कमजोर 

अल्पसंख्यक, विशेष रूप से अहमदी, पाकिस्तान में बहुत कमजोर हैं और उन्हें अक्सर धार्मिक चरमपंथियों द्वारा निशाना बनाया जाता है. पूर्व सैन्य तानाशाह जनरल जिया-उल हक ने अहमदियों के लिए खुद को मुसलमान कहना या इस्लाम के रूप में अपने विश्वास का उल्लेख करना एक दंडनीय अपराध बना दिया.

1974 में पाकिस्तानी संसद ने अहमदी समुदाय को गैर-मुस्लिम घोषित कर दिया था

1974 में पाकिस्तान की संसद ने अहमदी समुदाय को गैर-मुस्लिम घोषित कर दिया था. एक दशक बाद, उन्हें खुद को मुसलमान कहने पर प्रतिबंध लगा दिया गया. उन पर उपदेश देने और तीर्थ यात्रा के लिए सऊदी अरब जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. पहले भी पंजाब के अन्य अहमदी कब्रिस्तानों में इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन एक भी अपराधी को गिरफ्तार नहीं किया गया और न ही उस पर मुकदमा चलाया गया. इस साल अगस्त में, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अहमदी समुदाय की 16 कब्रों को कथित रूप से लाहौर से लगभग 150 किलोमीटर दूर फैसलाबाद जिले के चक 203 आरबी मनावाला में एक कब्रिस्तान में धार्मिक चरमपंथियों द्वारा कब्रों पर इस्लामी प्रतीकों का उपयोग करने के लिए अपवित्र किया गया था.

Web Title : SHAMEFUL ACT OF FUNDAMENTALISTS IN PAKISTAN, DESECRATION OF MANY GRAVES OF AHMADI COMMUNITY

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