बालाघाट. जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में उस समय हड़कंप की स्थिति हो गई, जब बैंक के एकाउंट कक्ष की छत में लगे पंखे के पास से प्लास्टर टूटकर नीचे काम कर रहे कर्मी के टेबल पर गिर पड़ा. एकाएक हुई इस घटना ने काम कर रहे कर्मियों को भयभीत कर दिया. बताया जाता है कि कक्ष में लेखा प्रबंधक राजीव सोनी के अलावा और अभी अन्य सहयोगी कर्मी काम करते है.
कार्यालयीन दिवस पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में अपने-अपने कक्ष में कर्मी काम कर रहे थे. इस दौरान दोपहर लगभग 1 से 3 बजे के बीच बैंक के अंदरूनी परिसर स्थित एकाउंट कक्ष की छत का प्लास्टर एकाएक काम कर रहे कर्मी के टेबल पर आ गिरा. यह तो अच्छा रहा कि बैंक के किसी कर्मी को कोई चोटंे नहीं आई है, अन्यथा जिस मात्रा में प्लास्टर नीचे गिरा है, उससे किसी की जनहानि से इंकार नहीं किया जा सकता.
बैंक सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार घटना के बाद बैंक में हड़कंप जैसी स्थिति देखने को मिली. भरभराकर छत से टेबल पर गिरे प्लास्टर की आवाज से अपने-अपने टेबल पर काम कर रहे कर्मी दौड़कर कक्ष में पहुंचे. इस घटना के बाद से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के कर्मियों में भय देखा जा रहा है. बताया जाता है कि जिस भवन में बैंक संचालित है, वह काफी वर्षो पुराना है, जिसकी मरम्मत नहीं होने से वर्षो पुराने प्लास्टर पानी की सिलन के कारण अब गिरने लगे है. इससे पहले की ऐसी किसी घटना की पुनर्रावृत्ति न हो, इसके लिए बैंक प्रबंधन को चाहिये कि जितना जल्द हो सके, वह बैंक के नये भवन में बैंक को स्थानांतरित कर कार्य का संचालित किया जायें.
चूंकि बैंक का नया भवन काफी समय से बनकर तैयार है, लेकिन बैठक व्यवस्था नहीं होने के कारण उसका प्रारंभ नहीं किया जा रहा है. तत्कालीन महाप्रबंधक धनवाल के कार्यकाल मंे बने इस भवन का निर्माण करोड़ो रूपये की लागत से किया गया है, जानकारों की मानें तो जिले में किसी भी बैंक का ऐसा भवन नहीं है, सहकारी केन्द्रीय बैंक के इस अत्याधुनिक भवन के शुरू होने में धन की भी कोई कमी नहीं है, बस प्रशासक और बैंक अधिकारी की इच्छाशक्ति की आवश्यकता है, ताकि जल्द से जल्द बैठक व्यवस्था के लिए टेंडर जारी कर सामग्री का क्रय किया जाकर व्यवस्था को बनाया जायें. अन्यथा वर्तमान में यह भवन केवल शोभा की सुपारी बनकर रह गया है और पुराने कार्यालय में जान जोखिम में डालकर कर्मी कार्य करने मजबूर है.