चरवाहा के बेटे ने किया स्कूल का नाम रोशन, विपरीत परिस्थितियों में भी नहीं मानी हार

लांजी. यदि लगन और कुछ करने की चाह हो तो विपरीत परिस्थितियों में भी जीत हासिल होती है. ऐसा ही कुछ जुनून लांजी क्षेत्र के छोटे से गांव सावरीखुर्द के चरवाहा हिरालाल नेवारे के बेटे ने कर दिखाया है.  बता दें कि हिमांशु हिरालाल नेवारे ने शासकीय हाईस्कूल सावरी खुर्द में कक्षा 10वीं में अध्ययन के साथ-साथ पिताजी के साथ पशु चराने के कार्य में पूरा सहयोग देकर समय पड़ने पर अपने माता के साथ घरेलू कार्य में भी हाथ बंटाता है. गांव में स्कूल जाने के पूर्व गाय, बैल, भैंस हांकते हुए गोठान तक पहुंचाने के बाद तैयार होकर स्कूल में पढ़ाई कर वापस शाम में वही जानवरों को घर लाने का कार्य करते हुए रात्रि में फिर लगन से पढ़ाई करता रहा. यह भी बता दें कि बिना कोचिंग, ट्यूशन के हिमांशु ने कक्षा 10वीं बोर्ड में 81 प्रतिशत अंक अर्जित कर माता पिता के अलावा गांव एवं विद्यालय का नाम रोशन किया है.  

मजदूर माता-पिता के बेटे हिमांशु ने खास चर्चा में बताया कि वह 2 भाईयों में बड़ा है. आगे साइंस विषय लेकर लगन और मेहनत से पढ़ाई कर इंजीनियर बनने का सपना है. यदि शासन प्रशासन से अच्छी कोचिंग और ट्यूशन जैसी सुविधाएं मिल जाए तो अपने अलावा 8 वीं में पढ़ाई कर रहे छोटे भाई को अच्छी पढ़ाई के साथ-साथ माता-पिता को भी सहयोग कर सकता हूं. छात्र की इस सफलता पर ग्राम के सरपंच किशोरी लाल पांचे, वारी सरपंच ऋषि पटेल, पूर्व सरपंच गीता बाई श्रावण दशरिया, दिलचंद लिल्हारे, परसराम लिल्हारे, लक्ष्मण लिल्हारे, लिलाराम लिल्हारे, विशाल खोंगल, आकाश मेश्राम, नेहरू लिल्हारे, नरेंद्र लिल्हारे के अलावा ग्राम के गणमान्य लोगों ने बधाई प्रेषित की है.


Web Title : SHEPHERDS SON ILLUMINATES SCHOOLS NAME, DID NOT GIVE UP EVEN IN ADVERSE CIRCUMSTANCES