धमकी भरे पत्र मामले में अभियोजन साक्ष्य देने न्यायालय पहुंची विधानसभा उपाध्यक्ष

बालाघाट. दिसंबर 2018 और जनवरी 2019 को दो धमकी भरे पत्र विधानसभा उपाध्यक्ष सुश्री हिना कावरे को मिलने की जानकारी के बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच करते हुए दो आरोपियों रूपझर थाना अंतर्गत ग्राम माटे निवासी संतोष और अशोक उईके  को गिरफ्तार किया था. जिनके खिलाफ किरनापुर पुलिस थाने में धारा 387,506,507 के तहत अपराध दर्ज किया गया था. जिसमें विवेचना उपरांत किरनापुर पुलिस ने अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया था. जिसमें आज 7 मार्च को बालाघाट न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजेश शर्मा की अदालत में अभियोजन साक्ष्य देने विधानसभा उपाध्यक्ष सुश्री हिना कावरे पहुंची थी. जहां न्यायालय में न्यायाधीश के समक्ष धमकी भरे पत्रों को लेकर उन्होंने अपने कथन दर्ज कराये.  

मामले मंे जिला अभियोजन अधिकारी आर. के. मंडराहा के मार्गदर्शन में पैरवी कर रहे सहायक जिला अभियोजन अधिकारी कुलदीपसिंह बैस ने बताया कि किरनापुर पुलिस ने विधानसभा उपाध्यक्ष सुश्री हिना कावरे को दो धमकी भरे पत्र मिले थे. जिसमें किरनापुर पुलिस ने विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय मंे पेश किया था. जिसमें आज 7 मार्च को अभियोजन साक्ष्य के रूप में विधानसभा उपाध्यक्ष सुश्री हिना कावरे के कथन न्यायालय में अंकित कराये गये है. जबकि आरोपियों की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सुनील यादव और सुष्मिता यादव ने आरोपियों के बचाव में दलीले लेते हुए कहा कि आरोपी निर्दोष है, जिसमें एक छात्र भी है. अभियोजन और बचाव पक्ष की दलील के बाद माननीय न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 मार्च की तिथि नियत की है. मामले में न्यायालय कथन अंकित कराने पहुंची विधानसभा उपाध्यक्ष सुश्री हिना कावरे ने मामला न्यायालय में होने से कोई भी टिप्पणी से इंकार करते हुए बताया कि आज अभियोजन की ओर से साक्ष्य के रूप में मैने अपने बयान अंकित कराये है.  

गौरतलब हो कि मध्यप्रदेश आम चुनाव के बाद लांजी विधानसभा से निर्वाचित विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष सुश्री हिना कावरे को दिसंबर 2018 और जनवरी 2019 में लाईन राईटिंग कागज में लिखे दो धमकी भरे पत्र मिले थे. जिसमें माओवादी नक्सली संग्राम दलम का उल्लेख करते हुए पत्र भेजने वालो ने 20 लाख रूपये की मांग की थी और रूपये नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी थी. जिसके बाद 13 जनवरी को उनके फालोवाहन के ट्रक में टक्कर से पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी, घटना में जिस वाहन में विधानसभा उपाध्यक्ष सुश्री हिना कावरे सवार थी, वह वाहन भी बाल-बाल बच गया था. जिसे पूर्व में मिले धमकी भरे पत्र से जोड़कर देखा जा रहा था.  

दिसंबर और जनवरी में मिले थे धमकी भरे पत्र

31 दिसंबर 2018 और 10 जनवरी 2019 को विधानसभा उपाध्यक्ष सुश्री हिना कावरे को दो पत्र मिले थे. जिसमें एक पत्र में गांगुलपारा के पास 20 लाख रूपये 14 जनवरी तक पहुंचा देने की बात कही थी. जबकि दूसरे पत्र में किरनापुर में ही एक वाहन एजेंसी के पास रखने की बात कही गई थी. बाद में आये पत्र में पूर्व में लिखे गये पत्र का हवाला देते हुए कहा गया था कि यह तुम्हें आखिरी नोटिस है और इसके बाद भी पत्र को नोटिस नही करंेगे तो हम सीधे दरवाजे पर आकर दस्तक देंगे. जिसमें संग्राम दलम का नाम लिखकर लाल सलाम लिखा गया है. पुलिस दोनो ही पत्र मिलने के बाद उसकी जांच कर रही थी. हालांकि जिस तरह से पत्र काफी के लाईन राईटिंग पेज पर लिखा गया था, वैसा पत्र लेखन नक्सलियों द्वारा नहीं किये जाने से पुलिस इसे अपराधिक प्रवृत्ति वाले किसी की कारतूत मान रही थी. चूंकि उस पत्र में जिस दलम का नाम लिखा गया है, उस नाम से बालाघाट में किसी भी नक्सली दलम का नाम, आज तक सामने नहीं आया है और पुलिस भी मान रही थी कि नक्सली इस तरह की पत्र लेखन नहीं करते है.  

बैहर विधायक को भी मिला था पत्र 

31 दिसंबर 2018 को विधानसभा उपाध्यक्ष एवं लांजी विधायक सुश्री हिना कावरे को जब लाईनिंग राईटिंग पत्र नक्सलियों का पहुंचा था. उसी दौरान एक पत्र बैहर विधायक भी आया था. दोनो ही विधायकों ने इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक से की थी. जिसके बाद से पुलिस इस पत्र को लेकर संजीदा से जांच में जुटी थी. चंूकि विधानसभा उपाध्यक्ष और विधायक हीना कावरे के काफिले के साथ बीते 13 जनवरी की रात जिस तरह का हादसा सामने आया है, उसके बाद से उन्हें आये नक्सलियों के पत्र की बात जोर पकड़ने लगी थी.  


Web Title : ASSEMBLY VICE PRESIDENT ARRIVES IN COURT TO GIVE PROSECUTION EVIDENCE IN THREATENING LETTER CASE