मलाजखंड में गर्मी से सैकड़ो चमगादड़ो की मौत, गर्मी ने किया हलाकान, नहीं थम रहा गर्मी का कहर

बालाघाट. नवतपा के बाद पड़ रही गर्मी ने आम इंसानों के साथ ही जीव, जंतु को हलाकान कर दिया है. वर्षो बाद पड़ रही भीषण गर्मी का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. जहां विगत दिनों गर्मी के कारण बालाघाट के मोती तालाब की सैकड़ो मछलियां की मौत हो गई थी. वहीं आज मलाजखंड में आज सैकड़ो की संख्या में चमगादड़ की मौत हो गई.  

बताया जाता है कि मलाजखंड राममंदिर के समीप पेड़ो में स्तनपायी जीव चमगादड़ एक के बाद एक पेड़ से नीचे गिरने लगी और मर गई. जिसमें से कुछ चमगादड़ो को कुत्ते उठा ले गये. वन्यजीव प्रेमी और पशु चिकित्सकों की मानें तो स्तनपायी जीव चमगादड़ एक नार्मल तापमान के बाद वह सहन नहीं कर सकती है चूंकि पेड़ो का घनत्व कम होने और पेड़ों की कमी के कारण पेड़ो पर रहने वाली स्तनपायी चमगादड़ बढ़ते तापमान को सहन नहीं कर पा रही है, जिससे उनकी मौत होने लगी है.  

बालाघाट में भी मोती तालाब में पेड़ो पर रहने वाली चमगादड़ उद्यान में आज सुबह पेड़ो के नीचे मृत पाई गई. गौरतलब हो कि नवतपा के बाद भी गर्मी का तापमान कम होने का नाम नहीं ले रहा है. गुरूवार को दिन का तापमान 45 डिग्री रहा. दिन की धूप लोगों को झुलसा देने वाली थी. गर्मी से जहां आम लोग परेशान है वहीं जलीय जीव जंतु और स्तनपायी चमगादड़ के लिए गर्मी मौत का कारण बन गई है.  

वन्यजीव प्रेमी अभय कोचर ने कहा कि चमगादड़ स्तनपायी जीव है और जिस तरह से पेड़ो का घनत्व और पेड़ो की संख्या कम होती जा रही है, उसके कारण एक नार्मल गर्मी सहन करने वाली चमगादड़ों के लिए पड़ रही गर्मी मौत का कारण बन रही है. जिसके कारण लगातार चमगादड़ो की मौत होती जा रही है. जो चिंता का विषय है.

Web Title : HUNDREDS BATS DIE OF HEAT IN MALAJKHAND, HEAT WREAKS HAVOC, NOT A SUBSIDED HEAT