बालाघाट. प्रदेश के एक लाख से ज्यादा पथ विक्रेताओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज 9 सितम्बर को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से संवाद किया गया. कार्यक्रम को सभी नगरीय निकायों में दिखाया गया. नगर पालिका बालाघाट द्वारा समस्त कार्यक्रम का एलईडी स्क्रीन पर सीधा प्रसारण करवाया गया. बालाघाट नगर पालिका कार्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में हितग्राही, बैंकर्स एव नागरिकगण शामिल थे.
कार्यक्रम के प्रारंभ में अग्रणी जिला प्रबंधक दिगम्बर भोयर ने बताया कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत बैंको से पथ विक्रेताओं को ऋण दिलाया जा रहा है. कोरोना संकट के कारण फुटपाथ विक्रेताओं द्वारा अपनी कार्यशील पूंजी को खर्च कर लिया गया था, अब अनलॉक की प्रक्रिया चालू की गयी है एवं आर्थिक गतिविधिया भी धीरे धीरे आगे बढ़ रही हैं. ऐसे में फुटपाथ विक्रेताओं को अपना व्यवसाय चालू करने के लिए बैंको के माध्यम से दस हजार रूपए तक कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराकर उन्हें अपने व्यवसाय को पुनः चालू करवाना है.
जिले के 1636 पथ विक्रेताओं के प्रकरणों को मिली मंजूरी
बालाघाट जिले के कुल 06 नगरीय इकाइयों में कुल 4879 फुटपाथ विक्रेताओं को कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने का भौतिक लक्ष्य रखा गया था. जिसके विरुद्ध 2236 पंजीकृत फुटपाथ विक्रेताओं के प्रकरण बैंको की और प्रेषित किये गए थे जिसमे से बैंकर्स द्वारा 1636 प्रकरणों में स्वीकृति प्रदान कर 1238 प्रकरणों में ऋण वितरण किया गया है. बालाघाट जिले में समस्त बैंकर्स के सहयोग से स्वीकृत प्रकरणों में से 76 प्रतिशत प्रकरणों में ऋण वितरण किया गया है. इसके साथ ही वितरित प्रकरणों के हितग्रहियोको क्यूआर कोड भी उपलब्ध कराया गया है जिससे वे डिजिटल लेनदेन पर प्रोत्साहन राशि प्राप्त कर सकेंगें.
कार्यक्रम में बैंकर्स द्वारा हितग्राहियों को स्वीकृति पत्र वितरित किये गये. कार्यक्रम में भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य प्रबंधक अजय गुप्ता, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य प्रबंधक आलोक कुमार, यूको बैंक के शाखा प्रबंधक लालचंद पवार, मुख्य नगर पालिका अधिकारी सतीश मटसानिया, गणमान्य नागरिक श्रीमती मौसम हरिनखेड़े, सुरजीत सिंह ठाकुर, दिलीप चौरसिया उपस्थित थे.
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना सरवन गुरनानी के लिए बनी सहारा
कोरोना संकट के दौरान लंबे चले लाकडाउन के कारण सरवन गुरनानी का धंधा लगभग बंद हो गया था. छोटी सी पान की दुकान लगाकर अपने परिवार का गुजारा करने वाले सरवन को लाकडाउन ने बहुत नुकसान पहुंचाया था. परिवार का गुजारा चलाने में उसकी जमा पूंजी भी दांव पर लग गई थी. लाकडाउन के खुलने के बाद वह जब अपनी दुकान को फिर से शुरू करने लगा तो पूंजी की समस्या आने लगी. लेकिन अब प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना से सरवन को 10 हजार रुपये का ऋण मिल गया है तो यह छोटी सी राशि उसके लिए बड़ा सहारा बन गई है. पीएम स्वनिधि योजना में नगरीय क्षेत्रों में रेहड़ी, पटरी वालों और छोटी-मोटी दुकान लगाकर आजीविका चलाने वालों को लाकडान के बाद अपना धंधा फिर से शुरू करने के लिए 10 हजार रुपये की कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराई जा रही है. बालाघाट सरेखा बायपास निवासी सरवन कुमार गुरनानी को भी इस योजना का लाभ मिला है. सरवन बताता हैं कि मैं इस मदद से बहुत खुश हूं. ऋण के रूप में मिली 10 हजार रुपये की राशि से मैं अपनी पान की दुकान में और ज्यादा अलग प्रकार के सामान रखकर अपने व्यावसाय को आगे बढ़ा सकूंगा. सरकार ने पथ विक्रेताओं के लिए यह एक अच्छी योजना बनाई है.