जिले में खेलो को बढ़ावा दे रहे राजेश पाठक, क्षेत्र में योगदान ही उनकी पहचान

बालाघाट. कवि दुष्यंत कुमार की लिखी यह रचना उन व्यक्तित्व पर खरी उतरती है जो अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, कार्य के प्रति ईमानदारी एवं मजबूत आत्मविश्वास के बल पर समाज में अपनी एक अलग पहचान बनाते है और असंभव को भी संभव करके लोगों के बीच प्रशंसा के पात्र बनते है. कुछ इसी प्रकार का व्यक्तित्व है जिले के स्थापित व्यवसायी सहज, सरल एवं प्रगतिशील व्यक्तित्व के धनी राजेश पाठक. जिन्होंने बालाघाट की पावन धरा पर 1992 में लालाजी के सानिध्य में कदम रखा था, समय ने ऐसा चमत्कार किया कि वह आज बालाघाट जिले के ही निवासी बनकर अपने सकारात्मक एवं रचनात्मक कार्यप्रणाली से लोगों के बीच एक अलग पहचान बनाने में सफल हो गये.  

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में पैदा हुए पाठक ने जीवन में शून्य से अपने सफर की शुरूआत की और उन्होंने प्राईवेट कॉलेज में सहायक प्राध्यापक के रूप में भी अपनी सेवाएं दी. उसके पश्चात वह अपराध जगत से जुड़ी सच्ची कहानी पत्रिका में भी पत्रकार के रूप में अपनी सेवाएं देते रहे. इसके पश्चात समय ने उन्हें उत्तर प्रदेश के स्थापित व्यवसायी लालाजी के साथ कार्य करने का अवसर दिया और उन्हीं के व्यवसाय के संचालन के लिये वह बालाघाट आये और 30 वर्षो से वह इस जिले में अपने आप को एक स्थापित एवं सफल व्यवसायी के रूप में लोगों के बीच अपने कार्यो से लोकप्रिय बनाने में सफल हो गये. प्रखर वक्ता के रूप में भी उनकी अपनी एक अलग पहचान है. जिनके पास शब्दकोष का भंडार है और अपनी वाणी के संबोधन से वह सामने वाले पक्ष को प्रभावित करने में सफल हो जाते है.

बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी राजेश पाठक वर्तमान समय एक ऐसा नाम है जो खेल मैदान हो या सामाजिक कार्यक्रमों का मंच या फिर किसी को सहयोग करने की बात हर जगह वह अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में कहीं पीछे नहीं रहते. तमाम तरह के आरोप प्रत्यारोप, उतार चढ़ाव के पश्चात भी अपने प्रगतिशील एवं रचनात्मक विचाराधारा को आत्मसात करते हुए अपने निर्धारित सकारात्मक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये निरंतर सक्रिय रहते है. 25 वर्षो से बालाघाट जिला कबड्डी संघ के अध्यक्ष रहने के साथ वह मध्यप्रदेश कबड्डी संघ के उपाध्यक्ष पद के साथ-साथ बालाघाट जिले की प्रसिद्ध हॉकी संस्था नेहरू स्पोर्टिंग क्लब के भी लंबे समय तक अध्यक्ष भी रहे. महत्वपूर्ण बात यह है कि उनके रूचि लेने से खेले आयोजनों को एक नई प्रगति के साथ खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन भी निरंतर हो रहा है. बालाघाट शहर के हॉकी मैदान में एस्ट्रोटर्फ बिछाने में उन्होंने शासन प्रशासन से निरंतर अपनी टीम के साथ संपर्क कर इस कार्य को मूर्त रूप प्रदान करने में हर वह प्रयास किया जो जरूरी था

सर्वहारा वर्ग के मध्य लोकप्रिय पाठक सर्व ब्राम्हण समाज के अध्यक्ष होने के पश्चात हर जरूरतमंद को मदद करने में वह कहीं पीछे नहीं रहते. अतीत के पन्ने पलटाये जाये तो हम पाते है कि जिले के कटंगी क्षेत्र के जमुनिया बांध फुटने पर पीड़ित परिवार की मदद हो या फिर खैरी फटाका कांड में पीड़ित परिवार या बात कोरोना काल में मदद की हो हर जगह उनकी उपस्थिति देखी जा सकती है. जो भी पीड़ित परिवार उनके समक्ष जिस उम्मीद से जाता है उसे वह निराश नहीं करते. समाज के प्रति एक व्यवसायी का जो दायित्व होता है उसके निर्वाहन में वह हमेशा आगे खड़े रहते है.

सामाजिक एवं खेल के साथ सांस्कृतिक संगठनों के विभिन्न पदों पर रहकर अपनी सेवायें देने वाले राजेश पाठक ने बालाघाट जिले की राजनीति के मंच पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में कहीं कोई कमी नहीं छोड़ी. उसका ही प्रमाण है कि 2008 में उन्होंने बालाघाट विधानसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ते हुए समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंच कर उनका विश्वास अर्जित करने का प्रयास किया. भले ही उसमें उन्हें सफलता न मिली हो पर चुनाव में उन्होंने 15 हजार से अधिक वोट लेकर एक नये क्षेत्र में अपनी प्रभावशील उपस्थिति दर्ज कराई. फिर परिस्थितियों के करवट बदली और वह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की उपस्थिति में उन्होंने भाजपा का दामन. जहां वे वर्तमान समय जिला भाजपा संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी है. हालांकि राजनीति में कम और  सामाजिक गतिविधियों में ही अधिक रहा है और उसी के अनुसार वह अपने आप को सक्रिय भी रखते है. महत्वपूर्ण बात यह भी है कि भले ही वह किसी एक राजनीतिक दल से जुडे पर व्यक्तिगत व्यवहार के चलते हर दल में उनके अपने परिचय का बड़ा दायरा है. गांव का सरपंच हो या प्रदेश का बड़ा राजनीतिक पदाधिकारी हर जगह उन्होंने अपने व्यवहार से अपना एक अलग आभामंडल खड़ा किया है.

वन खनिज के अपार भंडार को अपने सीने पर छिपाने वाले बालाघाट जिले के सामाजिक राजनीतिक एवं खेल मंच पर अपने सकारात्मक एवं रचनात्मक दृष्टिकोण से प्रगति के पथ पर अग्रसर होने वाले व्यवसायी राजेश पाठक का अपना एक अलग आभामंडल और समर्थक का बड़ा जनसमूह चारों ओर बिखरा पड़ा है. किसी ने सही कहा है कि प्रगति के लिये आवश्यक है कि आपके पास व्यापक दृष्टिकोण हो, व्यवहार में सहजता और गंभीरता हो एवं मान सम्मान में बड़े छोटे सब बराबर हो. उसमें पाठक हर तरह से पारंगत है. 01 जनवरी को उनके जन्मदिन पर समर्थक वर्ग एवं सामाजिक संस्थायें इस अवसर पर उनकी दीर्घायु एवं उत्तम स्वास्थ व सफलता की कामना को लेकर जन्मदिन का आयोज करेंगे.


Web Title : RAJESH PATHAK IS PROMOTING SPORTS IN THE DISTRICT, HIS CONTRIBUTION IN THE FIELD IS HIS IDENTITY