58 अति नक्सल प्रभावित मतदान केन्द्रो पर विशेष फोकस, 1153 मतदान केन्द्रो की होगी वेबकास्टिंग, 86 मतदान केन्द्रो में निगाह रखेगी तीसरी नजर

बालाघाट. 2019 में बालाघाट-सिवनी संसदीय क्षेत्र के चुनाव में हुए 79 प्रतिशत मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के साथ ही अति संवेदनशील, संवेदनशील और सामान्य मतदान केन्द्रो में मतदान दल और मतदाताओं के मतदान को लेकर की गई व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर डॉ. गिरिश कुमार मिश्रा और पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए साझा की.

जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने पत्रकारों को बताया कि संसदीय क्षेत्र के साढ़े 18 लाख मतदाताओ में लगभग 19 हजार मतदाताओं को पोस्टल बैलेट और ईडीसी के माध्यम से कवर कर लिया गया है. जिसमें अतिथि शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, कोटवार और सिक्युरिटी फोर्स में लगे लोग भी शामिल है.  उन्होंने कहा कि एसडीएम कार्यालय में पोस्टल बैलेट और ईडीसी को मतदान पेटी में रखा जाएगा. प्रथम फेस में होने वाले स्थानों से मिलने वाले पोस्टल बैलेट और ईडीसी को मतगणना तक निर्धारित समयावधि तक जमा किया जा सकेगा.

उन्होंने बताया कि हमने यह सुनिश्चित कर लिया है कि पंचायत एवं समूह के माध्मय से मतदान दलों को दिए जाने वाला नाश्ता और भोजन समय पर उपलब्ध हो सके. इसके साथ ही सभी मतदान केन्द्रो में व्हील चेयर के इंतजाम किए गए है. मतदान के 48 घंटे पूर्व चुनावी शोरगुल खत्म हो जाएगा. जिसके बाद प्रत्याशी डोर-टू-डोर संपर्क कर सकते है.  उन्होनंे बताया कि हमने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक में निर्देशित किया है कि वह मतदान दिवस के दिन प्रत्याशी, अभिकर्ता को लगने वाले वाहनों की परमिशन समय रहते करा ले. मतदान के दिन 200 मीटर की दूरी के बाद ही पार्टी कार्यकर्ता अपनी टेबल लगा सकेंगे, यदि यह दूरी 100 मीटर में होगी तो उस पर कार्यवाही की जाएगी. उन्होेंने पार्टी और प्रत्याशियों से कहा कि मत याचना के विज्ञापन के लिए वह एमसीएमसी से 48 घंटे पूर्व अनुमति ले ले.  

उन्होंने बताया कि जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 58 बूथो अति संवेदनशील मानते हुए यहां मतदान दलों के पहुंचने के मार्ग, बसो की अलग व्यवस्था की गई है. जिनके के लिए अलग मेडिकल व्यवस्था भी की गई है. इसके अलावा यहां के चिन्हित लोगों को इमरजेंसी के लिए मेडिकल रूप से प्रशिक्षित भी किया गया है. इसके अलावा यहां जाने वाले मतदान दलों को स्पेशल मेडिकल कीट दी जाएगी. यही नहीं, जहां कम मतदाता है, वहां मतदान दल, ग्राम सचिव और रोजगार सहायकों से मिलकर मतदान गति को बढ़ाने का काम करेंगे. इसके अलावा जहां 12 सौ से ज्यादा मतदाता है, वहां अतिरिक्त स्टॉफ दिया जा रहा है, जो उनके साथ ही रहेगा.  जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने बताया कि जिले के लगभग 74 प्रतिशत 1153 मतदान केन्द्रो की वेबकॉस्टिंग के अलावा 86 मतदान केन्द्रो पर सीसीटीव्ही से नजर रखी जाएगी.

पर्याप्त होगी सुरक्षा व्यवस्था

पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने बताया कि जिले के तीन नक्सल प्रभावित क्षेत्र परसवाड़ा, बैहर और लांजी विधानसभा क्षेत्र के मतदान केन्द्रो में आयोग के निर्देशानुसार अपरान्ह 4 बजे तक मतदान कराया जाएगा. जिसके बाद मतदान दल सुरक्षित पहुंच सके, इसके लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए है. वहीं अति संवेदनशील 58 मतदान केन्द्रो में सीएपीएफ का पूरा फुल सेक्शन सुरक्षा में तैनात होगा.  

जिले को मतदान के लिए मिली  आईटीबीपी, सीआरपीएफ, मणिपुर एसएफ, बीएसएफ की कंपनियों को नक्सली परिदृष्य के विषय में पूरी जानकारी गत दिवस बैठक के माध्यम से दे दी गई है. बीडीडीएस की टीम नक्सल क्षेत्र के पुल, पुलियों की बारिकी से जांच कर रही है. वहीं सिविल और मुखबिर तंत्र को भी सक्रिय कर दिया गया है. जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में लगभग 319 मतदान केन्द्रो में आने वाले 58 अति संवेदनशील बूथ, जहां कभी नक्सली एनकाउंटर, मुखबिर की हत्या हो चुकी है, वहां सुरक्षा को लेकर विशेष फोकस किया जा रहा है. हमारी मतदाताओ से अपील है कि चुनाव को शांतिपूर्ण और सुरक्षित माहौल में कराए जाने को लेकर प्रशासन और पुलिस उनके साथ है, वह निष्पक्ष और निर्भिक होकर अपना मतदान करें.


Web Title : SPECIAL FOCUS ON 58 HIGHLY NAXAL AFFECTED POLLING STATIONS, WEBCASTING OF 1153 POLLING STATIONS, THIRD WATCH WILL BE KEPT IN 86 POLLING STATIONS