प्रदेश सरकार लॉक डाउन में फिर शुरू कर सकती है शराब दुकानें!, नागरिकों की राय में नहीं खुलना चाहिये शराब दुकान, अन्य व्यवसाय बंद तो शराब दुकानों को छूट क्यों?

बालाघाट. कोरोना वायरस कोविड-19 के देश में दस्तक देने के बाद बढ़ते कोरोना मरीजों को देखते हुए जनता कर्फ्यु के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे देश में 21 दिनो तक लॉक डाउन की घोषणा की थी, जिसकी अवधि आगामी 14 अप्रैल को खत्म हो रही है, वहीं गत दिवस प्रधानमंत्री से विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी अपने-अपने राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने पर चिंता जाहिर करते हुए लॉक डाउन की अवधि को बढ़ाये जाने की सिफारिश की है. इसी कड़ी में उड़ीसा, महाराष्ट्र और पंजाब सरकार ने अपने प्रदेश में आगामी 30 अप्रैल तक लॉक डाउन की अवधि को बढ़ा दिया गया है. वही मध्यप्रदेश में भी आशंका व्यक्त की जा रही है कि लॉक डाउन की अवधि को आगामी 30 अप्रैल तक सरकार बढ़ा सकती है. जिसका इशारा भी सत्ताधारी संगठन के जनप्रतिनिधि कर चुके है. बहरहाल मुख्यमंत्री के ऐलान के बाद ही यह साफ होगा कि प्रदेश में और लॉक डाउन बढ़ेगा या नहीं.  

लॉक डाउन में शराब दुकानो को शुरू करने की चर्चा

प्रदेश में लॉक डाउन के खत्म होने या बढ़ने के संशय के बीच एक और चर्चा तेजी से चल रही है, यह चर्चा है कि प्रदेश मंे लॉक डाउन के दौरान बंद पड़ी शराब दुकानों को सरकार शुरू करने जा रही है. सूत्रों की मानें तो सरकार शराब बनाने वाली कंपनी और शराब कारोबारियों के दबाव में प्रदेश सरकार, आगामी दिनो में शराब दुकान को खोले जाने को लेकर निर्देश जारी कर सकती है. चूंकि नये वित्तिय वर्ष 2020-2021 में शराब दुकान के नये टेंडर होने से एक अप्रैल से प्रभावशील हो गये है, किन्तु लॉक डाउन और सरकार के निर्देश के कारण शराब दुकाने बंद है, जिसके चलते प्रतिदिन ठेकेदारों को लायसेंस फीस का नुकसान हो रहा है, तो दूसरी ओर शराब कंपनियों को भी लॉक डाउन के दौरान शराब की दुकानों के बंद होने से उनका उत्पादन पर इसका असर पड़ रहा है, जिसके कारण बड़ी शराब कंपनियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है. जिसके चलते शराब कंपनियांे और प्रदेश के शराब कारोबारियों ने अब सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. सूत्रों की मानें तो शराब उत्पादक कंपनियों और कारोबारियों के दबाव में सरकार आगामी दिनो में निर्देशों के तहत शराब दुकानों को खोलने का निर्णय कर सकती है.  

हालांकि लॉक डाउन के दौरान पूर्व में शराब दुकान को एक निश्चित अवधि में खोले जाने के निर्णय पर जनाक्रोश के कारण सरकार को अपना आदेश वापस लेकर पुनः शराब दुकानों को 14 अप्रैल तक किये गये लॉक डाउन के दौरान शराब दुकानों को बंद करने निर्देश जारी करना पड़ा था. वहीं सूत्रो के अनुसार सरकार द्वारा शराब कारेाबारियों के दबाव में दुकानों को खोलने के निर्णय लेने की जानकारी के बाद इसका विरोध सुनाई देने लगा है. भले ही सरकार ने शराब दुकान को खोलने का कोई फैसला नहीं लिया है लेकिन शराब दुकान को सरकार द्वारा खोले जाने की चर्चा के बाद इसके विरोध के स्वर भी उठने लगे है. लोगों का विरोध है कि सरकार अन्य राज्यों की तरह पहले फैसला ले कि वह लॉक डाउन को बढ़ा रही है या खत्म कर रही है, यदि खत्म कर रही है तो ऐसी स्थिति में जब प्रदेश में रोजाना ही मरीजों की संख्या बढ़ रही है, उसे फैलने से रोकने के लिए सरकार क्या इंतजाम है? और यदि सरकार लॉक डाउन बढ़ाकर इस अवधि में शराब दुकान खोलने पर विचार कर रही है तो यह सरकार की दोहरी नीति का प्रदर्शित करता है चूंकि लॉक डाउन के दौरान छोटे से लेकर बड़ी दुकानदारों को, सरकार कोरोना वायरस बीमारी को रोकने की बात कर बंद करवा रही है वहीं शराब दुकान को खुलवाना चाह रही है, जो न्यायसंगत नहीं है.

भले ही सरकार ने शराब दुकान को खोलने का कोई आदेश जारी नहीं किया है लेकिन सरकार के शराब दुकानों को खोले जाने की चर्चा के बाद जिले के सामाजिक और व्यापारिक लोगांे ने अपनी रॉय जाहिर करते संवेदनशीलता के साथ सरकार से कोई भी निर्णय लिये जाने की बात कही है. वहीं लॉक डाउन के दौरान शराब दुकानों को खोले जाने के सरकार की चर्चा पर शराब कारोबारी भी अपने व्यवसाय को लेकर चितिंत है, उनका कहना है कि ऐसी परिस्थिति में वह अपना कारोबार ठीक तरह से नहीं कर पायेंगे, चूंकि लॉक डाउन के दौरान लोगों का एक स्थान से दूसरे स्थान में जाने पर प्रतिबंध, घरो से निकलने पर प्रतिबंध, बाजारबंदी, धारा 144 का प्रभावशील होना, दुकान खुलने पर सेल्समेन और ग्राहकों के मध्य परस्पर संपर्क एवं संव्यवहार में आने से कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा जैसी कई बातें है, जिससे शराब कारोबारी भी व्यवसाय संचालन को लेकर चितिंत और परेशान है.

सरकार के लॉक डाउन के दौरान शराब दुकान खोले जाने की चर्चा को लेकर आम नागरिकों ने अपनी-अपनी राय में सरकार के इस निर्णय पर नाराजगी जाहिर करने के साथ ही सरकार से संवेदनशीलता और नागरिकों के हित में कार्य किये जाने की बात कही जा रही है. बहरहाल अब देखना है कि सरकार इसको लेकर क्या कदम उठाती है.

लॉक डाउन में शराब दुकान खोलने विचार पर मंथन करें सरकार

पूरे देश में आगामी 14 अप्रैल तक वैश्विक कोरोना महामारी को लेकर लॉक डाउन के हालत है, ऐसे में प्रदेश सरकार यदि शराब दुकानो को खोलने का विचार कर रही है तो अपने इस विचार पर सरकार मंथन करने की आवश्यकता है. अपनी प्रतिक्रिया में नागरिकों ने लॉक डाउन के दौरान शराब दुकानों को नहीं खोले जाने की बात कही है. चेंबर ऑफ कामर्स अध्यक्ष अभय सेठिया, जैन श्रावक संघ एवं श्री वर्धमान स्थानकवासी अध्यक्ष कैलाश जैन, कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष अजय मिश्रा, समाजसेवी अनिल वैद्य, सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी एशोसिएशन अध्यक्ष अशोक शुक्ला, पोहा एशोसिएशन अध्यक्ष अशोक बजाज, जिला अधिवक्ता संघ पूर्व अध्यक्ष प्रवेश मलेवार, नेहरू स्पोर्टिंग क्लब महासचिव विजय वर्मा सहित अन्य सामाजिक संस्थाओं से जुड़े गणमान्य नागरिकों ने कहा कि प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान एक सुलझे और संवेदनशील मुख्यमंत्री है, पूर्व में भी उनके द्वारा लॉक डाउन के दौरान शराब दुकान खोलने पर लोगांे और महिलाओं की नाराजगी को देखते हुए उन्हें स्वयं आगे आकर दुकानों को बंद कराने का आदेश दिया था, लेकिन फिर यदि लॉक डाउन में शराब दुकान खोले जाने पर सरकार विचार कर रही है तो उसे बीमारी के हालत को ध्यान में रखकर ही फैसला किया जाना चाहिये. चूंकि यह अतिआवश्यक नहीं है कि सरकार लॉक डाउन में शराब दुकानो को प्रारंभ करवाये. उन्होंने कहा कि यदि सरकार लॉक डाउन के दौरान शराब दुकान का खोलने का निर्णय लेती है तो निश्चित ही इससे सरकार की छवि पर इसका असर पड़ेगा वहीं सरकार को महिलाओं और लोगों के आक्रोश का भी सामना करना पड़ सकता है.


Web Title : STATE GOVERNMENT CAN RESUME IN LOCK DOWN LIQUOR SHOPS!, CITIZENS SHOULD NOT OPEN IN OPINION LIQUOR SHOP, OTHER BUSINESS CLOSED, WHY EXEMPT LIQUOR SHOPS?