जीएसटी की विसंगति एवं ऑनलाईन व्यापार का व्यापारियों ने किया विरोध,कैट ने पीएम एवं वित्तमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन, जीएसटी के नियम व्यापार हित में नहीं-नितिन जैन

बालाघाट. जीएसटी विसंगति एवं ऑनलाईन व्यापार को लेकर कैट के नेतृत्व में व्यापारियों ने विरोध दर्ज कर प्रधानमंत्री एवं वित्तमंत्री के नाम 6 पेज का एक ज्ञापन सौंपा. कैट जिलाध्यक्ष नितिन जैन ने कहा कि जीएसटी के नियम व्यापार हित में नहीं होने से व्यापारियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

गौरतलब हो कि 26 फरवरी को कैट ने जीएसटी में विसंगति और ऑनलाईन व्यापार को लेकर भारत बंद का आव्हान किया था. चूंकि बालाघाट में कैट महासचिव के निधन से बालाघाट जिले में कैट ने बंद आव्हान को स्थगित कर ज्ञापन देने का निर्णय लिया था. जिसके चलते कैट जिलाध्यक्ष नितिन जैन के नेतृत्व में सभी व्यापारिक संगठनों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा.  

इस दौरान बालाघाट चेंबर ऑफ कामर्स अध्यक्ष अभय सेठिया, ज्ञानचंद कांकरिया, कैट संरक्षक कैलाश माधवानी, मुरली बजाज, सदस्य दिलीप कारडा, कुमार वाधवानी, सुनील छाबड़ा, लोकेश छाबड़ा, भवानीशंकर टेकरीवाल, देवेन्द्र पचौरी, विपिन कसार, यज्ञेश चावड़ा, शैलेन्द्र असाटी, वीरेन्द्र दहीकर, नीरज बख्शी, जितेन्द्र कटरे, संजय पांचे, श्रीकांत गचके, विनोद सतानी, सौरभ जैन, हेमंत पगारिया, खुशाल बोहरा, मनीष रंगलानी सहित अन्य व्यापारी मौजूद थे.

ज्ञापन सौंपने पहुंचे कैट के जिलाध्यक्ष नितिन जैन कहा कि जीएसटी कानून के विरोध में व्यापारियों ने कैट के माध्यम से आज 26 फरवरी को संपूर्ण भारत बंद का आव्हान किया था, लेकिन कैट के जिला महासिचव अतुल चौरडिया के निधन से बालाघाट बंद को स्थगित कर दिया गया हैं, लेकिन जीएसटी कर प्रणाली के विरोध स्वरूप कैट के पदाधिकारियों का प्रतिनिधि मंडल एवं चेंबर ऑफ कामर्स द्वारा संयुक्त रूप से व्यापारी हित में प्रधानमंत्री एवं वित्तमंत्री के नाम जिला प्रशासन को शुक्रवार को अपर कलेक्टर शिवगोविंद मरकाम को ज्ञापन सौंपा गया.

उन्होंने बताया कि जीएसटी एवं ऑनलाइन कारोबार की वजह से कारोबारियों को मानसिक आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं. ऑनलाइन बाजार से शहर में हर किस्म के व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. जीएसटी व्यापारियों के लिए सिरदर्द बन गया है. व्यापारी व्यापार करे कि टैक्स ही भरें, यह समझ नहीं आता है. साल भर में व्यापारियों को अलग-अलग तरह के 26 बार रिटर्न भरने पड़ रहें है. इतना ही नहीं जीएसटी की कोई लिमिट तय नहीं है. यह 6 से 28 फीसदी तक लगाया जा रहा है. ऑनलाइन व्यापार के माध्यम से विदेशी व्यापार को बढ़ावा मिल रहा है, जबकि देश के व्यापार को मजबूत किया जाना चाहिये. कैट ने मांग की है कि जीएसटी प्रक्रिया को सरल किया जाता है तो इससे टैक्स पर कोई अंतर नहीं पड़ेगा बल्कि व्यापारियों को व्यापार और रिटर्न भरने में आसानी होगी. उन्होंने कहा कि कैट के ज्ञापन पर सरकार कोई विचार नहीं करती है तो आगामी समय में कैट के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर चरणबद्व आंदोलन किया जायेगा.


Web Title : TRADERS PROTEST AGAINST GST ANOMALY AND ONLINE TRADE, CAT SUBMITS MEMORANDUM TO PM AND FINANCE MINISTER, GST RULES NOT IN TRADE INTEREST NITIN JAIN