पहलाः एक राम जी का फोटो भेज दो.
दूसराः ऐसा करो कि राधेश्याम की दो छोटी तस्वीरें जगह पर रख देना, मेरा आदमी कलेक्ट कर लेगा.
तीसराः अगर बद्रीनाथ की पिक्चर हो तो भी ठीक रहेगा.
चौथाः मोदीजी की फोटो का दाम अभी क्या है?
पांचवाः खटमल मारने की पुड़िया
नशाबंदी वाले बिहार में मोबाइल के मार्फत दारू पाने के ये सारे कोड नेम है. पहला रम के लिए, दूसरा रायल स्टैग व्हिस्की, तीसरा ब्लेन्डर प्राइड और चौथा हंड्रेड पाइपर और उससे महंगी शराब के लिए. पांचवा रंगीन देशी पाउच पाने के लिये. धड़ल्ले से गांव और शहरी क्षेत्रों में होम डिलीवरी है और सीएम साहब का दावा है कि दारूबंदी सफल है.
बहरहाल, एक बुजुर्ग समाजवादी बता रहे थे कि राजनीति की सबसे बड़ी खासियत ये है कि न चाहते हुए भी भागीदार को इसमें झूठ की खेती करनी पड़ती है. संभवतः इसी कारण बापू तथा आजादी की लड़ाई में सक्रिय रहे कई मूर्धन्य नेताओं ने अपने को सत्ता की राजनीति से दूर रखने का निर्णय लिया.
बिहार के संदर्भ में यह सोच सच के काफी करीब है. लगभग 12 करोड़ आबादी के इस लैंडलाक्ड प्रदेश में बापू की शपथ लेकर शराबबंदी की सच्चाई को छिपाया जा रहा है. नेतृत्व को अधिकारियों और दूसरी एजेन्सियों से शराबबंदी की सारी जानकारी मिल रही है. लेकिन लगता है सीएम नीतीश कुमार ने तय कर लिया है कि वो वास्तविकता से आंखें मूंदे रहेंगे’.