मखाना से चमकेगी किसानों की किस्मत इन जिलों में होगा बीज उत्पादन

अब किसान भी उन्नत प्रजाति के मखाना बीज का उत्पादन करेंगे. उद्यान निदेशालय ने मखाना विकास योजना में शामिल सूबे के दस में से चार जिले में किसानों के जरिये उन्नत प्रजाति के सबौर मखाना 1 और स्वर्ण वैदेही मखाना बीज उत्पादन करने का निर्णय लिया है.
ये जिले कोसी क्षेत्र के मधेपुरा, सीमांचल के पूर्णिया, किशनगंज और मिथिलांचल के दरभंगा हैं. इन जिले के बड़े मखाना उत्पादक किसान का चयन कर उद्यान निदेशालय उन्हें अनुदान पर मखाना बीज व अन्य जरूरी चीजें उपलब्ध कराएगी. किसानों द्वारा उत्पादित मखाना बीज विभाग खरीदेगा.  

निदेशालय ने मखाना बीज उत्पादन के लिए जिलावार लक्ष्य भी तय किया है. मधेपुरा व पूर्णिया में 25-25, किशनगंज में 20 और दरभंगा में 30 हेक्टेयर में मखाना बीज उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है. मखाना अनुसंधान भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय पूर्णिया के प्रधान अन्वेषक डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि किसानों को मखाना बीज उत्पादन के लिए स्वर्ण वैदेही बीज अनुसंधान केंद्र दरभंगा से भेजा जाएगा. सबौर मखाना 1 बीज भोला शास्त्री कृषि महाविद्यालय पूर्णिया से जिले के उद्यान विभाग को भेजा जाएगा. वहां से किसानों के बीच बीज का वितरण किया जाएगा.  

सहायक निदेशक उद्यान किशनगंज राहुल रंजन ने कहा कि पहली बार उन्नत प्रजाति के मखाना बीज का उत्पादन किसान करेंगे. इसके लिए किसान को प्रति हेक्टेयर 97 हजार लागत मूल्य का 75 प्रतिशत यानी 72 हजार 750 रुपये अनुदान राशि मिलेगा. बड़े मखाना उत्पादक किसानों का इस योजना के लिए चयन किया जाएगा. इच्छुक किसान हॉर्टिकल्चर डॉट बिहार डॉट जिओभी डॉट इन पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इस योजना का लाभ पाकर मखाना उत्पादक किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं. जिला उद्यान पदाधिकारी उद्यान मो. जावेद और जिला उद्यान पदाधिकारी दरभंगा नीरज कुमार ने कहा कि मखाना बीज उत्पादन योजना किसानों के लिए वरदान साबित होगी.

अभी इन केंद्रों में ही होता है मखाना बीज का उत्पादन

अभी भोला शास्त्री कृषि महाविद्यालय पूर्णिया, अनुसंधान केंद्र दरभंगा के अलावा कृषि विज्ञान केंद्र अगवानपुर सहरसा, सुपौल, अररिया, किशनगंज और कटिहार में होता है. जिसमें अनुसंधान केंद्र दरभंगा में स्वर्ण वैदेही मखाना बीज का उत्पादन होता है. अन्य जगहों पर सबौर मखाना 1 बीज का उत्पादन होता है. हालांकि मखाना विकास योजना से आच्छादित जिलों के उद्यान विभागों में बीज पूर्णिया और दरभंगा से ही अभी भेजे जाते हैं. अब किसानों के जरिये उत्पादन के बाद कहीं बीज तैयार कर उसका स्टॉक जिला स्तर पर ही करने की योजना बने. मिली जानकारी मुताबिक अभी केंद्रों पर 300 क्विंटल मखाना बीज का सालाना उत्पादन होता है.

जितनी होगी गहराई उतना ही पानी डाल करनी होगी रोपाई

मखाना अनुसंधान भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय पूर्णिया के प्रधान अन्वेषक सह विशेषज्ञ डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि मखाना बीज उत्पादन के लिए किसान को पहले अपनी जमीन पर पौधशाला तैयार करनी होगी. पौधशाला में दिसंबर के पहले सप्ताह में मखाना बीज डालनी होगी. बीज की रोपाई से पहले यह ख्याल रखना होगा कि जितनी गहराई में रोपाई करना चाहते हैं उतना ही पानी उसमें डाले. अगर एक फीट गहराई में बीज की रोपाई करना चाहते तो उतना ही पानी डालें फिर रोपाई करें. उसके बाद उसमें 20 किलोग्राम चूना डालें. फिर 1500 पीपीएम वाले नीम शिड करनाल एक्सएक्ट(एनएसकेयू) से पांच एमएल दवाई को एक लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें. एक हेक्टेयर में 30 किलो मखाना बीज की रोपाई करें. पांच माह में मखाना बीज बनकर तैयार हो जाएगा.

मखाना की बढ़ी डिमांड बन रही वजह

उन्नत प्रजाति के बीज से खेती के बाद मखाना की पैदावार व अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डिमांड बढ़ी है.  उससे उत्साहित होकर विभाग ज्यादा से ज्यादा किसानों को मखाना की खेती से जोड़ने के लिए जहां क्षेत्र विस्तार की नई योजना लाई. वहीं अब किसानों के जरिये ज्यादा से ज्यादा उत्पादन करा मखाना बीज की जरूरत को पूरा करने की कोशिश की जाएगी.

सहरसा सहित दस जिले हैं सूबे के प्रमुख मखाना उत्पादक

कृषि विभाग के सचिव शैलेन्द्र कुमार द्वारा जारी पत्र के मुताबिक बिहार राज्य के प्रमुख मखाना उत्पादक जिले सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, खगड़िया, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, कटिहार, मधुबनी और दरभंगा हैं. इन जिले में मखाना का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा. मखाना विकास योजना का विस्तार वर्ष 2023-24 से 2024-25 तक दो वर्षों के लिए करते हुए इसके कार्यान्वयन पर 10 करोड़ 81 लाख 96 हजार 500 रुपये खर्च किए जाएंगे. मखाना को बिहार राज्य का विशिष्ट उत्पाद के रूप में राज्य व राज्य से बाहर प्रचारित करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार प्रसार किया जाएगा. सूत्रों की माने तो मखाना के प्रचार प्रसार के लिए 50 लाख राशि अनुमोदित की गई है.
 


Web Title : MAKHANA WILL BRIGHTEN THE FATE OF FARMERS, SEED PRODUCTION WILL BE DONE IN THESE DISTRICTS

Post Tags: