नहीं बचेंगे नशे के सौदागर NCB ने बनाई नई रणनीति ड्रग्स उत्पादन पर आकाश से निगरानी

बिहार में अफीम, गांजा और ब्राउन शुगर की अलग-अलग माध्यमों से तस्करी होती है. इस कारण पुलिस को भी तस्करों को पकड़ना काफी मुश्किल हो जाता है. जब तक सटीक सूचना न हो, तब तक पुलिस को नशा माफिया और नशे की खेप पकड़ने में सफलता हासिल नहीं होती है. इसको लेकर अब पुलिस मादक पदार्थों की तस्करी के तरीकों की सूची बना रही है. उसके अनुसार ही जिलों में नशे के खिलाफ अभियान चलाने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी. इसके लिए पुलिस ने कवायद शुरू कर दी है.

दो माह अफीम पर विशेष जोर 

अक्टूबर और नवंबर में अफीम तस्करों पर विशेष निगरानी का निर्देश मुख्यालय ने दिया है. बिहार की झारखंड, बंगाल और उड़ीसा और अंतरराष्ट्रीय सीमा नेपाल से लगने वाले क्षेत्रों को लेकर विशेष नजर रखने को कहा गया है. जिन रास्तों से नशे की तस्करी हो सकती है, उन पर भी नजर रखना है. इसमें अफीम की खेती पकड़े जाने वाले कुछ जिलों को भी अलर्ट किया गया है. पुलिस मुख्यालय के निर्देश के मुताबिक अक्टूबर और नवंबर में अफीम की फसल तैयार हो जाती है. तस्कर इसके काटने के बाद अलग-अलग तरीके से इसकी तस्करी का जरिया अपनाते हैं. नशा माफियाओं को रोकने और अफीम की फसल को नष्ट करने के उद्देश्य से प्रभावी कार्रवाई करने को कहा गया है.

सैटेलाइट और ड्रोन से रखी जा रही नजर

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा अफीम की खेती के संभावित स्थलों पर नजर रखी जाती है. संभावित स्थलों की पहचान के बाद इससे स्थानीय प्रशासन को अवगत कराया जाता है. इस आधार पर अफीम की फसल को नष्ट किया जाता है. बिहार पुलिस भी संभावित क्षेत्रों में ड्रोन से नजर रखती है. इसके अलावा अपने सूचना तंत्र से भी इसके बारे में जानकारी जुटाती है, ताकि कहीं से भी अफीम या नशा की तस्करी की जानकारी होते ही कार्रवाई की जा सके.

क्या कहते हैं अधिकारी

इस बाबत एसएसपी आनंद कुमार ने बताया कि नशा तस्करों के खिलाफ लगातार अभियान जारी है. सीमावर्ती थाना क्षेत्रों को विशेष चौकस रहने को कहा गया है. पूर्व से मादक पदार्थों की तस्करी वाले क्षेत्रों पर विशेष नजर है.

Web Title : NCB DEVISES NEW STRATEGY TO MONITOR DRUG PRODUCTION FROM SKY

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