मालभोग केला को बचाने के लिए अब मिशन बागवानी

प्राइड ऑफ बिहार के नाम से मशहूर मालभोग केला अब धीरे-धीरे विलुप्त होने के कगार पर है. स्वाद और सुगंध के लिए विख्यात इस प्रजाति को बचाए रखने के लिए मीठापुर कृषि भवन परिसर में सैकड़ों मालभोग केले के पौधे लगाए गए हैं. ताकि किसानों के बीच जागरूकता बढ़े और पुन: मालभोग अपने अस्तित्व में आ सके. इधर कृषि विभाग टिशु कल्चर के जरिए मालभोग के पौधे तैयार करने में जुटा है.

किसानों को इसके लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. उद्यान विभाग के अनुसार, पटना जिले के मोकामा में मालभोग की खेती हो रही है. इसके अलावा पटना जिले के अन्य प्रखंडों में भी इसकी खेती हो रही है. मुख्यमंत्री बागवानी मिशन और राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजनाएं के तहत इस बार जिले में 32 हेक्टेयर में केले की खेती का लक्ष्य रखा गया था. जिसमें जी-9 प्रजाति के पौधे लगाए जा रहे हैं.

केले की खेती पर 50 प्रतिशत अनुदान

किसानों को जी-9 टिशु कल्चर केले की खेती के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसके लिए उद्यान निदेशालय कुल 50 प्रतिशत तक का अनुदान दे रहा है. पटना जिले में इस साल करीब 32 हेक्टेयर में जी-9 केले की खेती की गई है. इसके तहत एक हेक्टेयर में 3086 पौधे लगते हैं. इसके उत्पादन में करीब 1. 25 लाख रुपए तक की लागत लगती है. इसमें किसानों को 50 फीसदी अनुदान मिलेगा. अगर इसकी खेती से मुनाफे की बात करें, तो इससे करीब 3. 5 लाख से 4 लाख रुपए तक का मुनाफा मिल जाता है.

जी-9 केला दस महीने में तैयार हो जाता है

इस प्रजाति का केला लैब में तैयार किया जाता है. इसके पौधे छोटे और मजबूत होते हैं, जिसके आंधी-तूफान में टूट कर नष्ट होने की संभावना बहुत कम होती है. इसकी फसल का अच्छा उत्पादन मिलता है. इसके अलावा केले की दूसरी प्रजाति जहां 14 से 15 महीने तैयार होती है, वहीं जी-9 प्रजाति का केला 9 से 10 महीने में तैयार हो जाता है.

आंधी में भी बर्बाद नहीं होगा

देसी प्रजाति के केले का पेड़ बड़ा होने के कारण आंधी-तूफान में टूटकर गिर जाता है. फल भी अपेक्षाकृत कम लगने के साथ गिर जाता है. ऐसे में केले की खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही थी. इसे बचाने के लिए टीशू कल्चर प्रजाति के केले की खेती को सरकार द्वारा प्रोत्साहित किया जा रहा है.

जी-9 केले में बीमारी का प्रकोप कम

जी-9 वेराइटी की सबसे बड़ी खासियत है कि इस पर पनामा बिल्ट बीमारी का प्रकोप कम होता है. किसान जी-9 टिशु कल्चर केले से अधिक से अधिक लाभ ले सकते हैं.


Web Title : MISSION HORTICULTURE NOW TO SAVE MALBHOG BANANA

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