शहर का इकलौते सुभाष पार्क पारिवारिक लोगों और बच्चो के लिए नहीं है सेफ, बाल दिवस के मौके पर शर्मिंदगी के साथ लौटना पड़ा वापस

पटना : छुट्टी या त्योहार के दिन शहर के इकलौते सुभाष पार्क में शहरवासी परिवार के साथ कुछ समय बिताने आते हैं. नौका विहार के अलावा यहां बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले भी लगे हैं. यही कारण है बच्चे पार्क के प्रति ज्यादा आकर्षित हैं. मंगलवार को बाल दिवस के मौके पर भी यहां काफी चहल-पहल थी. काफी संख्या में स्कूली छात्र-छात्राएं अभिभावक व शिक्षकों के यहां आए थे.

11 साल की नेहा अपने माता पिता के साथ यहां पहली बार आई थी. सैर के दौरान बच्ची की नजर तालाब के किनारे बैठे कुछ युवा जोड़ों पर गई जो अश्लील हरकत कर रहे थे. इसके बाद बच्ची ने उधर से नजरें फेर ली. माता-पिता के हाथ पकड़ नेहा ने कहा- पापा यहां से चलिए. पुत्री की बात सुन माता-पिता भी युवाओं को निहारने लगे, इसके बाद बिना कहे परिवार बच्ची साथ पार्क से बाहर निकल गया. नेहा के अलावा दूसरे बच्चे भी पार्क से लौट गए.

परिवार के साथ पार्क आने वाले लोग हर दिन लज्जित होकर लौटते हैं. प्रत्येक दिन सुबह 9 बजे से यहां प्रेमी जोड़ों आना शुरू हो जाता है. जो पूरे दिन तालाब के किनारे बैठकर खुलेआम अश्लील हरकत करते हैं. आने-जाने वालों की फिक्र युवा जोड़े नहीं करते, वह अपनी मस्ती में रहते हैं. स्कूल-कॉलेज टाइम में यहां युवाओं की भीड़ होती है. पढ़ाई के बजाए युवा लड़के-लड़कियां पार्क में आकर गलत हरकत करते हैं. शिक्षक दिनेश प्रसाद ने बताया कि बाल दिवस पर हो छात्र-छात्राओं को पार्क लेकर आए थे. यहां का नजारा देख शर्मिंदा हो उन्हों बच्चों के साथ लौट जाना पड़ा.

महिला थानाध्यक्ष पिंकी प्रसाद ने बताया कि समय-समय पर पुलिस पार्क में गलत हरकत करने वाले युगल जोड़ों को सबक सिखाती है. युवाओं का माइंड वॉश कर उन्हें समझाया जाता है कि गलत हरकत से उनका कैरियर चौपट हो सकता है. अभिभावक को भी अपने बच्चे और बच्चियों पर नजर रखनी चाहिए. बच्चे पढ़ाई के नाम पर घर से निकलते हैं. अभिभावक यह जानने का प्रयास नहीं करते हैं कि उनके बच्चे बाहर में क्या कर रहे हैं. थोड़ी सावधानी से युवाओं को भटकने से बचाया जा सकता है.




Web Title : THE CITYS ONLY SUBHASH PARK IS NOT FOR FAMILY PEOPLE AND KIDS SAFE, CHILDRENS DAY RETURN WITH EMBARRASSMENT ON THE SPOT