उपायुक्त ने किसानों के साथ मिलकर खेतों में की धान की रोपनी

सिमडेगा: कृषि प्रधान जिला सिमडेगा को कृषि के क्षेत्र में विकसित जिला बनाने को लेकर उपायुक्त सिमडेगा श्री जटाशंकर चौधरी ने कुरडेग प्रखण्ड के किसान के खेतों में जाकर किसानों के साथ धान की रोपनी की. उन्होने कुरडेग प्रखण्ड के गाताडीह, घाघमुण्डा, खरवाटोली में जाकर किसानों के खेतों में किसानों के साथ रोपनी. उन्होने खेतों में धान की रोपनी कर रहें महिला किसानों को श्रीविधि पंक्ति में रोपाई से खेती करने के लिए प्रेरित किया साथ हीं उनके खेतों में श्रीविधि से स्वयं किसानों के साथ धान की रोपनी की.  

उपायुक्त ने किसानों को कम पानी और कम यूरिया में धान की खेती के लिए वैज्ञानिक विधि के बारे में किसानों को दिए सुझाव. उन्होने बताया कि श्रीविधि से किसी भी प्रकार की खेती करने से कम लागत में अधिक उत्पादन होती है. वे आगे बताये कि श्रीविधि से किसानों को कई लाभ मिलते है, बीज कम लगते है, एक एकड़ में दो किलों ही बीज लगता है और पानी भी कम लगता है. इस विधि में मजदूर भी कम लगते है. परंपरागत तरीके की अपेक्षा खाद एवं दवा कम लगती है, प्रति पौधे कल्ले की संख्या और बलियों में दानों की संख्या ज्यादा होती है, दानों का वजन और उपज ज्यादा होती है. श्रीविधि में दूरी ज्यादा होने से पौधों को प्रकाश मिलता है जिससे जड़ों का विकास तेजी से होता है. और कल्लों की संख्या अधिक होती है एवं पौधों में बीमारी नही ंके बराबर होती है. ये सारी बातें उन्होने किसानों को रोपनी के वक्त खेत में हीं बताया. उपायुक्त के इस कार्यशौली को देख किसानों के चेहरे में खुशी झलक रही थी. उपायुक्त ने कहा कि त्याग और तपस्या का दूसरा नाम किसान है. वह जीवन भर मिट्टी से सोना उत्पन्न करने की तपस्या करता रहता है. तपती धूप, कड़ाके की ठंड तथा मूसलाधार बारिश भी उसकी इस साधना को तोड़ नहीं पाते. जिला के अधिकांश आबादी आज भी गांवों में निवास करती है. जिनका मुख्य व्यवसाय कृषि है. किसान की कृषि हीं शक्ति है और यही उसकी भक्ति है. उन्होने प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, बीटीएम, जनसेवक को कृषि में किसानों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने का निर्देश दिया. उन्होने कहा कि इस तरह किसानों के साथ खेतों में जाकर उनका हौसला अफजाई करते हुए उन्होने वैज्ञानिक विधि के बारे में बतायें. सरकार की ओर से दिये जा रहे कृषि संबंधित योजनाओं के बारे में शतप्रतिशत किसानों तक पहुंचाए. सभी किसान भाईयों को फसल बीमा, केसीसी कराने की बात कही. उन्होने किसानो के साथ गाताडीह, डुमरडीह पंचातय में बैठक कर किसानों के द्वारा किये जा रहे कृषि के बारे में जानकारी प्राप्त की. उपस्थित किसानों ने बताया कि बदाम का बीज हम लोगों नहीं मिल पाया है. उपायुक्त ने जिला कृषि पदाधिकारी तथा बीडीएम कुरडेग को प्रखण्डवार दिये गए बादम बीज को वितरण करने का निर्देश दिया. उन्होने कृषि मित्रों को कृषि के क्षेत्र में गांव के किसानों को सालो भर कृषि कार्य करने के लिए प्रेरित करने की बात कही. साथ हीं उपस्थित कुरडेग प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, सहायक तकनीकी प्रबधंक को अपने तथा सभी कर्मी के पास पंक्ति में बुलाई हेतु रस्सी में दूरी मापने हेतु सही माप का लकड़ी रखने का निर्देश दिया. तथा प्रतिदिन अलग-अलग गांव में भ्रमण कर जिस खेत में रोपाई हो रही है. उस खेत में जाकर रोपाई की विधि बताने का आदेश दिया. यह क्रम रोपाई के समाप्ति तक चलेगा ताकि पंक्ति में धान की रोपाई श्री विधि की खेती का प्रचलन किसानों के बीच बढ़ सके. यह भी कहा कि सिर्फ मौखिक रूप से बताने से काम नहीं चलेगा बल्कि खेतों में उतर कर किसानों के साथ सही तरीके की जानकारी देनी होगी.  

उपायुक्त ने किसानों को उपरी खेतों में बदाम, दलहनी फसलें लगाने के बारे में भी बताया. उन्होने यह भी कहा कि अभी सिचांई की पुरी सुविधा है. एक भी खेत खाली ना रहने दें सभी में खेती करें.  

 मौके पर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी कुरडेग, जिला कृषि पदाधिकारी, सीओ कुरडेग, थाना प्रभारी, जनसेवक, बीटीएम के अलावे किसान उपस्थित थें.

सौजन्य : उपयुक्त के फेसबुक पेज से

Web Title : DEPUTY COMMISSIONER FARMERS IN TANDEM WITH PADDY ROPANI