बालाघाट. बालाघाट विधायक श्रीमती अनुभा मुंजारे ने कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा पर कांग्रेस विधायकों से भेदभाव करने सहित और कई आरोप लगाए. वहीं कलेक्टर डॉ. मिश्रा ने आरोपो को गलत बताया है. विधायक अनुभा मुंजारे का कहना है कि मेरे निर्वाचित होने के बाद से जिला प्रशासन सहयोग नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि निर्वाचन के पहले भी चुनाव के दौरान शराब और रूपए बांटे जाने की मेरी शिकायत पर गंभीरता से कार्यवाही नहीं की गई.
मेरे एक राष्ट्रीय दल के प्रत्याशी होने के बावजूद मैं हो रहे निरंतर भेदभाव को देख रही हुॅं. मतगणना के बाद निर्वाचन प्रमाण पत्र देने कलेक्टर उपस्थित नहीं रहे. विधायक मुंजारे का आरोप है कि वह विभागीय जानकारी लेने लगातार पत्र व्यवहार कर रही है और अब तक लगभग 5-6 दर्जन पत्र उन्होंने जिला प्रशासन को भेजे है लकिन नियमानुसार उन्हें जानकारी प्रदाय नहीं की जा रही है. विगत 26 जनवरी को भी गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया. चूंकि गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम था, इसलिए वह खामोश रही. लगातार शासकीय बंगले के लिए पत्र लिखा है लेकिन कोई जवाब नहीं दे रहे है. विगत 04 मार्च को शांति समिति की बैठक में भी क्षेत्रीय विधायक के नाते आमंत्रित नहीं किया गया.
उस पर कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा जी का जवाब मिलता है कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. विधायक श्रीमती मुंजारे ने कहा कि कलेक्टर ना तो विधायक को सम्मान दे पा रहे है और ना ही हमारी बाते सुन रहे है. तो वे बताए कि पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन और पूर्व मंत्री रामकिशोर कावरे किस पद में जिन्हें शासकीय बंगला आबंटित किया गया है. उन्होंने कहा लोकतंत्र में नौकरशाही को बर्दाश्त नहीं करेंगे और जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी करेंगे.
प्रमाण पत्र न देने का आरोप गलत- कलेक्टर
कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने विधायक अनुभा मुंजारे के आरोप को खारिज करते हुए गलत करार दिया. उन्होंने कहा कि शांति समिति की बैठक में समाज के लोग सदस्य होते हैं. समिति में विधायक नहीं होता है. वैसे भी इसकी सूची थाने से आती है. इस बैठक में कोई विधायक नहीं बैठते हैं. जहां तक विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस विधायकों को प्रमाण पत्र वितरित न करने का आरोप है, वह गलत है. कुछ विधायक पहले ही रिटर्निंग अफसर से प्रमाण पत्र लेकर चले गए थे. हमने विधायक के लिए सरकारी बंगले की मांग को लेकर जीएडी को पत्र लिखा है. इसकी जानकारी विधायक अनुभा मुंजारे को दी गई है. अगर घर का मरम्मत कार्य होता है, तो वैकल्पिक व्यवस्था कराई जाएगी. चूंकि उनका शहर में स्वयं का घर है इसलिए उनकी सरकारी बंगले की पात्रता नहीं बनती है. विधायकों को भोपाल में बंगले आबंटित किए गए हैं.