सोनेवानी सहित दुर्गम पहाड़ी और सीमा प्रांत पर बसे 46 वनग्राम बनेंगे राजस्व ग्राम, सबसे अधिक बैहर और परसवाड़ा क्षेत्र के वनग्रामों को मिलेगा फायदा

बालाघाट. जिले के ऐसे गांव, जो वन ग्राम में होने से सड़क, पुल पुलिया या अस्पताल जैसी अधोसंरचना जैसी सुविधाओं से महरूम थे, अब वो दिन दूर नही, जब इन गांवो में भी आधारभूत संरचनाएं विकसित हो सकेगी. क्योंकि ऐसे गांवो को चिन्हित कर प्रारंभिक स्तर की प्रक्रिया का पालन करते हुए अगले स्तर पर कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई.  जिले 46 वनग्रामो को राजस्व ग्राम घोषित करने के लिए प्रारंभिक अधिसूचना जारी की जा चुकी है. ग्रामवासियों से प्रस्ताव आमंत्रित करने के बाद दावा प्राप्त करने के उपरांत, ग्राम स्तरीय और उसके बाद उपखंड स्तरीय वन समिति की अनुशंसा के बाद जिला स्तरीय समिति द्वारा भी मान्य किया गया है. वन ग्राम से राजस्व ग्राम के भू-अभिलेख का कार्य देख रही श्रीमती स्मिता देशमुख ने बताया कि निर्वाचन के बाद इस कार्य मे तेजी आई है. कलेक्टर डॉ. मिश्रा इस कार्य की लगातार समीक्षा कर रहे है.

जिले की 9 तहसीलों के 46 ग्रामों को किया गया शामिल

जिले के 46 वनग्राम को राजस्व ग्राम में परिवर्तन करने की प्रक्रिया में जिले की 9 तहसीलों के वनग्राम शामिल है. इसमें सबसे अधिक बैहर तहसील के 14, परसवाड़ा के 13, बालाघाट के 8, बिरसा, लांजी और लालबर्रा के 3-3, लामता के 2 और कटंगी एवं किरनापुर के 1-1 गांव शामिल है.

इन ग्रामों को किया जाएगा नवीन राजस्‍व ग्राम घोषित 

बैहर तहसील के ग्राम आमारटोला, सुमेरीखेड़ा, खिरसाड़ी, मोहरई, आरमी, घुईटोला, टोपला, जैतपुरी, डोंगरिया, समरिया, जरहाटोला, जल्‍दीढांड, धीरी और बिलाईखार. परसवाड़ा तहसील के ग्राम कोन्‍दुल, जामुनझिरी, टाटीघाट, सल्‍फारीठ, तल्‍लाबोड़ी, लौगुर, वरूरगोटा, टिकरिया, सांवरझोड़ी, कुकड़ा, बारिया, पालागोंदी और माटे. बालाघाट के मैरा, बंजरटोला, सर्रा, कुर्थीटोला, कोटा, खारा, कोकमा, पोलबत्‍तूर. बिरसा तहसील के सरइपतेरा, पटपरा और हतबन. लांजी तहसील के बोदालदलखा, धीरी और गुलपुर. लालबर्रा तहसील के सोनेवानी, चिखलाबड्डी और नवेगांव. कटंगी तहसील का ग्राम कच्‍छार एवं किरनापुर तहसील का ग्राम बोदालझोला तथा लामता के 2 ग्राम सम्मिलित है.

राजस्व ग्राम बनने से ये होंगे लाभ

वन ग्राम होने से भूमि एवं आदान प्राप्त करने के मामले वन विभाग द्वारा संचालित होते थे, लेकिन अब तहसील के पास आने से प्रत्येक किसान या नागरिकों की जानकारी राजस्व विभाग के पास उपलब्ध होगी. जिससे लोन व खाद बीज आदि प्राप्त करने में समस्या नही होगी. इसके अलावा विकास कार्यो में भी इन गांव को प्राथमिकता दी जा सकेगी. इसके अलावा शासन स्तर से पर्यटन एवं संस्कृति या वन्य जीव से संबंधित बड़े प्रोजेक्ट बनाने में आसानी भी होगी. आरआई द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में अब तक इतनी बड़ी संख्या में कभी भी राजस्व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही नही हुई है. इससे पूर्व 27 अक्टूबर 2021 में वन ग्राम से राजस्व ग्राम बनाने की कार्यवाही की गई थी.


Web Title : 46 VANGRAMS SITUATED ON INACCESSIBLE HILLY AND BORDER PROVINCES INCLUDING SONEWANI, WILL BECOME REVENUE VILLAGES, THE FOREST VILLAGES OF BAIHAR AND PARASWADA AREAS WILL GET THE MAXIMUM BENEFIT.