आखिर उच्च न्यायलय के आदेश से क्यों अधिवक्ताओं ने पांच दिन काम नहीं करने का किया ऐलान, जाने पूरी खबर

बालाघाट. समय सीमा में प्रकरणों के निराकरण की बाध्यता के एक आदेश को लेकर वारासिवनी अधिवक्ता संघ ने 5 दिवस तक न्यायालयीन कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया है. अधिवक्ता संघ का कहना है कि स्पीड ट्रायल से निराकरण हो सकता है न्याय नही, और उन्हें न्याय की दरकार न्यायालयों से है. अधिवक्ताओं ने उच्च न्यायालय से अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार कर अधिवक्ताओं की मांग को पूरा करने की मांग की.

5 दिवसीय न्यायालयीन कार्यरू से विरत रहने के अपने निर्णय के पहले दिन अधिवक्ताओं ने विरोध स्वरूप न्यायालयीन परिसर में मार्च किया और जमकर नारेबाजी की. अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष शाहिद मियां खान ने बताया कि जिले सहित आसपास के जिलों में लगातार समय सीमा में प्रकरणों के निराकरण की बाध्यता को लेकर अधिवक्ताओं में आक्रोश व्याप्त है. जिसके चलते अलग-अलग जिलो के बार एसोसिएशन ने अपने अपने स्तर पर कार्य से विरत रहकर विरोध दर्ज कराया है. वर्तमान में वारासिवनी अधिवक्ता संघ का विरोध प्रदर्शन 5 दिन के लिए नियत है. इन पांच दिनों में कुछ नही होता है तो प्रदेश स्तर पर एक साथ विरोध प्रदर्शन किया जायेगा. उन्होंने बताया कि एक या दो दिन में मध्यप्रदेश स्टेट बार कौंसिल भी इसमें शामिल हो सकता है. अधिवक्ता संघ अध्यक्ष श्री खान ने समस्त अधिवक्ताओं से अपील की है कि वो इस विरोध प्रदर्शन में भाग लेकर आंदोलन को सफल बनायें.


Web Title : AFTER ALL, WHY DID THE LAWYERS DECLARE NOT TO WORK FOR FIVE DAYS BY THE ORDER OF THE HIGH COURT?