भाजपा में अटल टीम उपेक्षा की शिकार?, कैसे होगा पटेल जी वरिष्ठों का सम्मान, एक नेता के लिए कई वरिष्ठों को भाजपा कर रही दरकिनार!

बालाघाट. बालाघाट संसदीय सीट पर चुनाव का आगाज हो गया है, चुनावी मैदान में खडे़ सभी योद्धा चुनावी रणभूमि में उतर चुके है, इसमें युद्ध में कौन जीतेगा और कौन हारेगा, इस पर अभी संशय है, भले ही भाजपा, राष्ट्रवाद और राममंदिर पर स्वयं को विजयी मान रही है लेकिन न्याय को लेकर कांग्रेस ने भी मैदान में अपनी उपस्थिति का अहसास करा दिया है. इन सबके बीच, भाजपा में वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा से वरिष्ठ नेता हतोत्साहित है, हालांकि यह सही है कि उनका वोट, केवल भाजपा को ही जाना है लेकिन उनके घर से बाहर नहीं निकलने से कितने वोट भाजपा को नहीं मिलने वाले है, यह एक बड़ा सवाल है.  

बालाघाट सीट पर फोकस करने वाले प्रदेश के मंत्री प्रहलादसिंह पटेल, जितनी बार लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजने के बाद बालाघाट, बतौर चुनाव को लेकर पहुंचे है, उतनी बार वह किसी संसदीय क्षेत्र में नहीं गए है, यही कारण है कि, यह माना जा रहा है कि बालाघाट संसदीय सीट पर उनका विशेष फोकस है. नामांकन के अंतिम दिन रैली के बाद एक बार फिर मंत्री प्रहलाद पटेल 31 मार्च को बालाघाट पहंुचे और यहां उन्होंने चुनिंदा मीडियाकर्मियों से चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल के कसीदे पढ़ने के बाद, यह बात प्रमुखता से कही कि मुझे अलग से कुछ कहना नही है, पुराने कार्यकर्ताओं को सम्मान और नए कार्यकर्ताओं को कुछ बात स्मरण करानी है, हमारे पास उपलब्धि है और हमारी जीत सुनिश्चित है. हम प्रदेश में 29 में से 29 सीटें जीतेंगे.

हालांकि इस वाक्य में उनका पुराना कार्यकर्ताओं को सम्मान को लेकर सवाल खड़े होने लगे है, चूंकि जिले के एक विधानसभा क्षेत्र में लगातार पार्टी के निष्ठावान और वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का सम्मान से ज्यादा अपमान हो रहा है, बावजूद इस क्षेत्र में पार्टी के वरिष्ठो के सम्मान को लेकर पार्टी चितिंत ना होकर एक नेता के लिए कई वरिष्ठो को दरकिनार कर रही है, यह आम कार्यकर्ता हो तो, समझ आता है लेकिन पूर्व सांसद और विधायकों को नजरअंदाज किया जाना समझ से परे है.

वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र में अटल टीम के सदस्य अजय बिसेन का कहना है कि पार्टी, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा कर रही है. जिन्हें ना तो पूछा जा रहा है और ना ही कोई सम्मान दिया जा रहा है. जिससे वह उपेक्षित होकर, नेता और इनसे जुड़े कार्यकर्ता, घर बैठे है. जिसका परिणाम आगामी लोकसभा चुनाव में क्या होगा, यह तो समय बताएगा, लेकिन कहते है कि जो घटित हो चुका है, उससे सबक लेना चाहिए.

चिंतनीय यह है कि संसदीय क्षेत्र में केवल वारासिवनी, विधानसभा से यह आवाज उठ रही है, जहां ना केवल कांग्रेस बल्कि भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता है. इस विधानसभा क्षेत्र ने भाजपा को भाजपा के समर्पित नेता मानें तो ओंकारसिंह बिसेन, के. डी. देशमुख, योगेन्द्र निर्मल जैसे बड़े नेताओं के साथ ही समर्पित कार्यकर्ता में अजय बिसेन जैसा नेता दिया. जो कांग्रेस विचारधारा से आने के बाद भाजपा की विचारधारा से जुड़ गए, लेकिन ऐसी समर्पित नेताओं को ना तो पार्टी मंे सम्मान मिल रहा है और ना ही पोस्टर में जगह. यही कारण है कि यह नेता स्वयं को उपेक्षित महसुस कर रहे है.  

Web Title : ATAL TEAM IN BJP IS A VICTIM OF NEGLECT?, HOW WILL PATEL RESPECT SENIORS, BJP IS SIDELINING MANY SENIORS FOR ONE LEADER!