भाईदूज: भाईयों को तिलक कर बहनों ने की दीर्घायु और सुखी जीवन की कामना

बालाघाट. पांच दिवसीय दीपावली पर्व के पांचवे दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 03 नवंबर रविवार को भाईदूज का पर्व हिन्दु परंपरा अनुसार मनाया गया. भाई दूज का पर्व भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है. इस त्यौहार को भाई टीका, यम द्वितीया आदि नामों से भी जाना जाता है.  बालाघाट मुख्यालय सहित पूरे जिले में भाईदूज का पर्व पर बहनों ने भाईयो का तिलक कर भाईयांे के दीर्घायु और सुखी जीवन की कामना की. भाईयों ने बहनो को उपहार भेंट किए. पूरे दिन बहनों का अपने भाइयों के यहां और भाइयों का बहनों के घर जाकर उनसे मिलने का सिलसिला जारी रहा. बहन भाई के प्रेम को दर्शाता भाईदूज का पर्व, पूरे जिले में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया.

मान्यता है कि इस दिन मृत्यु के देवता यम अपनी बहन यमुना के बुलावे पर उनके घर भोजन के लिए आए थे. यमुना ने यमराज को भोजन कराया और तिलक कर उनके खुशहाल जीवन की प्रार्थना की. प्रसन्न होकर यमराज ने बहन यमुना से वर मांगने को कहा, यमुना ने कहा आप हर साल इस दिन मेरे घर आया करो और इस दिन जो बहन अपने भाई का तिलक करेगी उसे आपका भय नहीं होगा, यमराज ने यमुना को आशीष प्रदान किया. कहते हैं इसी दिन से भाई दूज पर्व की शुरुआत हुई थी.  


Web Title : BHAI DOOJ: SISTER PRAY FOR LONG AND HAPPY LIFE BY TILAK TO BROTHER