गाली, गल्लौच कर मारपीट करने वाले सीएमओ की पुलिस में शिकायत,जांच में जुटी पुलिस, जनप्रतिनिधियों ने की कार्यवाही की मांग, अब गेंद प्रशासन के पाले में

बालाघाट. जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलो के चलते उपचार के दौरान कई अपनों ने अपनो को खो दिया है. कोरोना पीड़ित मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचने वाले कई ऐसे परिवारों है, जो बिना अर्थी को कंधा दिये अपनो को विदा कर रहे है, कोविड बीमारी में अपनों को खोने का कम वहीं समझ सकता है, जिसने यह पीड़ा भोगी है, कहावत है कि ‘‘जाके पैर न फटी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई’’ बनिस्मत ऐसी ही स्थिति है. अपनों को खोने से परिवार की मानसिक हालत बयां नहीं की जा सकती, केवल अंदाजा लगाया जा सकता है. फिर सोचो जिसके परिवार के बुजुर्ग सदस्य को रात में यह कहकर भर्ती कर लिया और सुबह परिजनों को उसकी मौत की खबर मिलें तो परिजनों की क्या स्थिति होगी. ऐसा ही कुछ लांजी में गत दिनों देखने में आया. मिली जानकारी अनुसार 25 रात की परिवार के बीमार हरिचंद्र कालबेले के बीमार होने पर परिजन उसे लेकर लांजी अस्पताल आये थे. जहां उसे भर्ती कराने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि सुबह आ जाना, जिसके बाद दूसरे दिन 26 अप्रैल को जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि भर्ती हरिचंद्र कालबेले की मौत हो गई. परिजन बुजुर्ग का शव मांगने लगे, लेकिन उन्हें मरीज के कोविड मरीज होने की बात कहकर शव देने से मना कर दिया गया. जब परिजनों ने मृतक परिवार के बुजुर्ग की कोरोना रिपोर्ट मांगी तो वह भी उपलब्ध नहीं करवाई गई. जिस पर जब परिजन नाराजगी जाहिर करने लगे तो नगर परिषद सीएमओ गुंडागर्दी स्टाईल में युवक को अश्लील गालियां देते हुए मारपीट की.  

इस पूरे मामले में सबसे चिंतनीय यह है कि यह सब वहां मौजूद पुलिसकर्मियों के सामने होता रहा और पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहे, जिन्होंने विवाद को शांत कराना तो दूर युवक को मार रहे सीएमओ को रोकने तक का प्रयास नहीं किया. इस वाक्ये का जागरूक व्यक्ति द्वारा वीडियो बनाकर वायरल किये जाने के बाद सीएमओ की गुंडागर्दी सार्वजनिक हो गई. हर कोई ऐसे मामले में आपा खो चुके सीएमओ के अशोभनीय व्यवहार की निंदा कर रहा है. क्षेत्रीय विधायक और पूर्व विधायकों ने भी घटना को निंदनीय करार देते हुए कार्यवाही की मांग शासन, प्रशासन से की है. अब गेंद प्रशासन के पाले में है, देखना है कि इस घटना पर प्रशासन कोरोना जैसी महामारी में अपने को खो चुके परिवार के सदस्य के साथ गुंडागर्दी दिखा रहे सीएमओ पर क्या कार्यवाही करते है हालांकि घटना को 24 घंटे से भी ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी अब तक कोई कार्यवाही समझ नहीं आ रही है.  

जबकि दूसरी ओर 27 अप्रैल को सीएमओ की मारपीट से आहत परिवार के द्वारा पुलिस थाने में लिखित शिकायत दी गई है. जिसमें पुलिस अब जांच में जुटी है. एसडीओपी दुर्गेश आर्मो का कहना है कि सीएमओ के खिलाफ पीड़ित परिवार की ओर से लिखित शिकायत की गई है. जिसमें जांच की जा रही है, अस्पताल प्रबंधन से लेकर घटना के दौरान नजर आ रहे पुलिसकर्मियों से घटनाक्रम को लेकर पूछताछ की जायेगी.

नगर परिषद देवेन्द्र मर्सकोले के अमानवीय व्यवहार के बाद अब उसकी कुंडली खंगाली जाने लगी है. कुछ मीडिया रिपोर्ट की मानें तो वर्ष 2020 में कोरोना के लिए आबंटित बजट और राशन में इनके द्वारा अनियमितता किये जाने की भी शिकायतें सामने आ रही है. बताया जाता है कि सीएमओ देवेन्द्र मर्सकोले राजनैतिक पार्टी से जुड़े परिवार से आने के कारण उस पर कार्यवाही को ठंडे बस्ते में भी डाला जा सकता है. वहीं लोग यह भी सवाल खड़े कर रहे है कि जब कोई किसी अधिकारी के साथ ऐसा करता है तो उसके खिलाफ तत्काल कार्यवाही हो जाती है लेकिन यदि किसी अधिकारी ने किसी पीड़ित के साथ ऐसा किया है तो उसके खिलाफ कार्यवाही करने में सुचिता क्यों नहीं दिखाई जा रही है? बहरहाल लगता नहीं है कि अभी यह मामला शांत पड़ने वाला है, चूंकि जिस प्रकार से वीडियो सामने आया है, उससे सीधे तौर पर सीएमओ की गुंडागर्दी सामने आ रही है.


Web Title : CMOS POLICE COMPLAINT, POLICE INVESTIGATING, PUBLIC REPRESENTATIVES DEMAND ACTION, NOW BALL IN ADMINISTRATIONS COURT