बालाघाट. जिले में मानव कल्याण की सेवा में जुटे प्रजापिता बह्राकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की बहनो की चैतन्य झांकियों को देखकर हर कोई हतप्रभ है. जिसे देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे है. ब्रम्हकुमारी बहने, ध्यान साधना से, दुर्गा स्वरूप में चैतन्य झांकियों में नजर आती है. जिसे देखकर कोई नहीं कह सकता है कि यह सजीव है. नगरीय क्षेत्र से लगे औद्योगिक नगरी गर्रा में प्रजापिता बह्राकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की बहने विगत तीन वर्षो से प्रतिवर्ष नवरात्र पर चैतन्य झांकियों के माध्यम से लोगों को मां के नौ-स्वरूपों का दर्शन देती है. औद्योगिक नगरी में प्रजापिता ब्रम्हकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की चैतन्य झांकियों को देखने पहुंचे शहरवासी आशीष कंाकरिया, सारिका कांकरिया, अर्पित वैद्य, अंकिता वैद्य, बी नागवंशी, हर्ष जैन सहित अन्य लोगों ने बताया कि यह झांकी देखकर वह मंत्रमुग्ध है, ऐसा लग रहा था मानो हम देवी को साक्षात रूप में देख रहे है. एकपल के लिए हमें लगा कि यह प्रतिमा है लेकिन फिर पता चला कि ब्रम्हकुमारी की साधक बहने है. बताया जाता है कि लगभग बहने 3 से 4 घंटे तक एक ही मुद्रा में स्थित रहती है, जो देखने वालों के लिए भी आश्चर्यचकित कर देने वाला होता है.
प्रजापिता बह्राकुमारी ईश्वरीय विश्व विश्वविद्यालय की माधुरी बहन ने बताया कि लगातार तीन वर्षो से स्वयं परमपिता परमेश्वर शिव ने जिन देवियों की रचना की है, उन देवियों का स्वरूप में प्रजापिता बह्राकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की बहने, चैतन्य रूप में वह हमे शक्ति और आशीर्वाद प्रदान कर रही है. यह आयोजन पंचमी से लेकर नवमी तक किया गया है, जिसके दर्शन प्रतिदिन शाम 7. 30 बजे से 11 बजे तक किए जा सकते है.