धान की खरीदी में देरी और किसानों को नहीं मिल रहे एसएमएस, किसान संघ ने सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन

बालाघाट. जिले में धान खरीदी को लेकर प्रशासन के दावे के इतर किसान संघ का दावा है कि जिले में धान खरीदी को लेकर देरी की जा रही और धान विक्रय करने को लेकर किसानों को भेजे जाने वाले मोबाईल मैसेज नहीं भेजे जा रहे है. इस तरह की किसानों को आ रही समस्या को लेकर आज 22 दिसंबर को किसान संघ ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर किसानों को आ रही समस्याओं के निराकरण की मांग की.

आज पूरे देश में नये कृषि कानून को लेकर किसान सड़क है वह कृषि कानून को वापस लिये जाने की मांग कर रहे है, जबकि प्रदेश की सरकार किसान हितैषी होने का दावा करते हुए किसानों से एक-एक दाना खरीदने की बात कर रही है, जबकि जिले में किसान धान लेने में हो रही देरी और धान विक्रय के लिए एसएमएस नहीं आने से परेशान है.

किसान संघ के साथ जिले के किसानों ने सीएम के नाम सौंपे गये ज्ञापन में बताया कि जिले के सभी तहसील अंतर्गत आने वाले सभी धान खरीदी केन्द्र में धान की खरीदी का कार्य बहुत ही देरी से हा रहा है, जिसकी प्रमुख किसानों को धान विक्रय के लिए भेजे जाने वाले एसएमएस नहीं मिलना है. जिसके कारण आज दिनांक तक जिले के 80 प्रतिशत किसान अपनी उपज की बिक्री नहीं कर सके है, जिससे उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.  

किसान संघ ने सीएम के नाम सौंपे गये ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि जिले के सभी पंजीकृत किसानों को धान विक्रय के लिए केन्द्र से भेजे जाने वाले मैसेज भेजने में देरी न की जायें, ताकि जिले के सभी पंजीकृत किसान अपनी उपज का विक्रय कर सकें. उन्होंने कहा कि मेहनत से फसल उगाने वाले किसान के पास केवल उसकी धान का विक्रय ही आजीविका का साधन है, ऐसे में किसानों से धान खरीदी में किये जा रहे विलंब से सरकार और प्रशासन किसानों को उनकी आजीविका छिनने का काम कर रही है. जिससे जिले का किसान स्वयं को ठगा और असहाय महसुस कर रहा है. केवल किसानों को सिस्टम का हवाला देकर शासन, प्रशासन किसानों को सहयोग नहीं करता है. मसलन न तो किसान से समय पर उसकी उपज खरीदी जाती है और न ही उसका भुगतान उसे समय पर दिया जाता है. फसल बीमा के लिए भी किसानों को लंबा इंतजार करना पड़ता है. जिले में किसानों की स्थिति एक तरफ कुंआ तो दूसरी तरफ खाई की हो चुकी है, वर्ष 2018-19 में किसानों द्वारा कर्ज अदायगी के लिए धान किसानों द्वारा दिया गया था, लेकिन किसानों का कर्ज समिति द्वारा नहीं काटा गया. जिसके कारण आज कर्जदार किसान आज डिफाल्टर हो चुका है और आज जब किसान अपनी फसल से सोसायटी की कर्ज अदायगी कर रहा है तो उसे 15 प्रतिशत दंड ब्याज लगाकर कर्ज काटा जा रहा है. जो किसानों के साथ धोखा और अन्याय है. जिसके कारण परेशान किसान आत्महत्या कर रहे है. किसान संघ ने सरकार से मांग की कि यदि वह किसान हित में सोचती है तो किसानों की उक्त न्यायोचित मांगो पर विचार कर किसानों की समस्या का निराकरण करंे. इस दौरान किसान संघ पदाधिकारी और किसान साथी मौजूद थे.


Web Title : DELAY IN PROCUREMENT OF PADDY AND SMS NOT GETTING TO FARMERS, KISAN SANGH SUBMITS MEMORANDUM TO CM