अनंत चतुर्देशी पर भगवान गणपति को भक्तों ने दी विदाई,नदी में बहते जल और कुंड में विसर्जन पर भक्त और प्रशासन आमने-सामने, अधिकारियों ने किया विसर्जन का निरीक्षण

बालाघाट. गणेश चतुर्थी 10 सितंबर को भक्तों के घर पहुंचे भगवान गणेश को भक्तों ने 19 सितंबर को अनंत चतुर्देशी विदाई दी. इस दौरान भक्तों ने गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तु जल्दी आ के जयघोष के साथ खुशी, उमंग और उत्साह के साथ विदा किया. बालाघाट मुख्यालय सहित पूरे जिले में गणेश का विसर्जन का सिलसिला रविवार को सुबह से लेकर शाम तक चलते रहे. गणेशोत्सव के समापन पर भगवान गणेश की प्रतिमा को विसर्जित करने, प्रशासन द्वारा किसी अप्रिय घटना के संभावित खतरे और जल प्रदूषण को देखते हुए विसर्जन कुंड की वैनगंगा नदी के किनारे और मोतीतालाब में व्यवस्था बनाई थी. इसके अलावा सिंधु सेना द्वार इस वर्ष उत्कृष्ट विद्यालय मैदान में विसर्जन कुंड बनवाकर सुरक्षित और सुविधादायक विसर्जन की पहल की गई थी, लेकिन भाजपा प्रवक्ता पर्यावरण प्रेमी और धर्म मर्मज्ञों ने सनातन धर्म और शास्त्रों का हवाला देकर भगवान की प्रतिमा के बहते जल में विसर्जन को उचित बताया था. जिसके चलते आज भगवान गणेश की प्रतिमा के विसर्जन को लेकर गहमागहमी भी रही. हालांकि आस्था के सामने प्रशासन ने भक्तों की इच्छा अनुरूप सरोवरों में भगवान गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन से रोका भी नहीं. बावजूद इसके तीनो ही विसर्जन कुंड में भी भक्तों ने भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया.  

19 सितंबर को 10 दिवसीय गणेशोत्सव का पर्व अनंत चतुर्देशी पर समापन हो गया. घरो में आस्था और विश्वास से विराजित किये गये भगवान गणेश की मनोहारी प्रतिमाओं का भक्तों द्वारा विसर्जन किया गया. वैनगंगा नदी के बड़ा पुल के नीचे, महामृत्युंजय घाट, गायखुरी घाट सहित विसर्जन कुंड में भक्तों ने प्रातः काल से देर शाम तक गणेश प्रतिमा का विसर्जन किया. भक्तजनों द्वारा शांति प्रिय वातावरण में अगले बरस तू जल्दी आ के साथ भगवान गणेश को विदाई दी गई. हालांकि प्रशासन ने कोरोना और डेंगु के संभावित असर के चलते डीजे धुमाल पर सख्ती भी दिखाई, लेकिन पूरे जिले में विसर्जन कार्यक्रम शांतिपूर्ण रहा.

प्रशासनिक अधिकारियों ने किया विसर्जन स्थल का निरीक्षण

अनंत चतुर्देशी पर भगवान गणेश की प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला प्रातः से प्रारंभ होकर देरशाम तक जारी रहा. इस दौरान भक्तों द्वारा विराजित किये गई भगवान गणेश की प्रतिमा का आस्थापूर्वक विसर्जन नदी के बहते पानी के अलावा विसर्जन कुंड के ठहरे जल में किया गया. वैनगंगा नदी के पास बने विसर्जन कुंड, उत्कृष्ट विद्यालय मैदान मंे सिंधु सेना द्वारा बनाये गये विसर्जन कुंड और मोती तालाब के नीचे धोबीघाट के पास बनाये गये विसर्जन कुंड के अलावा वैनगंगा नदी के बड़े पुल के नीचे, महामृत्युंजय घाट और गायखुरी घाट में बड़ी संख्या में भक्तों ने बप्पा को अगले बरस जल्दी आने के वादे के साथ विदाई दी. नगरीय क्षेत्र में प्रशासन द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से बनाये गये विसर्जन कुंड का कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा और पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने निरीक्षण किया.  


Web Title : DEVOTEES BID FAREWELL TO LORD GANAPATI ON ANANT CHATURDESHI, DEVOTEES AND ADMINISTRATION FACE TO FACE ON WATER FLOWING IN RIVER AND IMMERSION IN KUND, OFFICIALS INSPECT IMMERSION