मंडी प्रबंधन की सांठगांठ से कम में खरीदी जा रही किसानों की धान, किसानों के समर्थन में किसान संगठन और जनप्रतिनिधियों ने किया प्रदर्शन, 21 मई को होगी व्यापारियों और किसानों की बैठक

बालाघाट. कृषि उपज मंडी गोंगलई के सूचना बोर्ड में धान की कीमत और व्यापारियों द्वारा किसानों से खरीदी जाने वाली धान की कीमत में अंतर से परेशान किसानो की शिकायत पर अन्नदाता किसान संगठन और किसान नेताओं ने मंडी प्रबंधन पर व्यापारियों से सांठगांठ का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया. कृषि उपज मंडी में किसानों, किसान संगठन और जनप्रतिनिधियों के प्रदर्शन की जानकारी मिलने के बाद एसडीएम के. सी. बोपचे और तहसीलदार रामबाबु देवांगन मंडी पहुंचे और कृषकों एवं प्रतिनिधियों से चर्चा कर आश्वस्त किया कि किसानों को फसल का उचित दाम दिलाया जायेगा. जिसके लिए आगामी 21 मई को एसडीएम ने मंडी में पंजीकृत व्यापारियों और किसानों की एक बैठक आहूत की है.

14 मई सोमवार को कृषि उपज मंडी गोंगलई में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने मंडी प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि मंडी में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए रेट चस्पा कर बोली की शुरूआत तो की जाती है लेकिन उसके बाद कुछ व्यापारी के दबाव में मंडी प्रबंधन कम कीमत में धान की खरीदी करवा रहा है. किसानों की मानें तो समर्थन मूल्य 1780 और 1750 की जगह उनकी धान को 1320, 1350 और ज्यादा हो सका तो 1366 रुपये में धान खरीद कर व्यापारियों द्वारा हमें लूटा जा रहा है.

किसान भोलेकृष्ण बिसेन ने मानें तो वह बीते चार दिनों से अपनी उपज को बेचने के लिए मंडी में जूझ रहा है. उसकी मानें तो उसने बीते शुक्रवार को 87 किं्वटल धान मंडी लेकर आया था, लेकिन समर्थन मूल्य में धान खरीदी नहीं होने से उसकी धान शुक्रवार, शनिवार को नहीं बिकी और रविवार को मंडी बंद होने से वह चार दिनों से मंडी में धान बेचने परेशान हो रहा है. जिसके बाद उसे समर्थन मूल्य से कम दाम में व्यापारियों को 1366 प्रति किं्वटल में धान बेचना पड़ा. किसान आशाराम लिल्हारे की मानें तो वह शुक्रवार से मंडी में अपनी धान बेचने आया है और उसकी धान सोमवार को 1322 रुपए प्रति किं्वटल की दर से खरीदी गई है. किसानों ने बताया कि मंडी प्रांगण में जानबूझकर व्यापारी किसानों की धान को नहीं खरीदते है. ताकि किसान परेशान हो जाये और फिर उसका फायदा ये लोग उठा सकें.  

किसानों के समर्थन में पहुंचे जनप्रतिनिधियों की मानें तो मंडी में 184 व्यापारी पंजीबद्ध है, लेकिन महज चार-पांच व्यापारी ही किसान की धान खरीदने मंडी पहुंचते है. ताकि वह मंडी से आरो रसीद कटा सके. आरो के दम पर मंडी परिसर से कुछ किं्वटल धान खरीदने के बाद ये व्यापारी अन्य स्थान से बड़ी संख्या में धान खरीदते है, और मंडी की आरो रसीद से उक्त धान को महाराष्ट्र में बेचते है. ऐसा करने से न सिर्फ किसान को नुकसान हो रहा है, बल्कि शासन को भी टैक्स का नुकसान हो रहा है.  

किसानों के साथ प्रदर्शन कर रहे अन्नदाता किसान संगठन के पदाधिकारी मुरली मनोहर श्रीवास्तव ने सेंपल के नाम पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मंडी सचिव सुभाषचंद श्रीवास्तव से किसानों से समर्थन मूल्य पर कम दाम पर खरीदी गई धान का सैंपल मांगा तो मंडी सचिव ने आनन-फानन में पांच सेंपल दिखाये है, और जो सेंपल मंडी प्रबंधन ने दिये है, उस सेंपल में न तो किसान का नाम और ना ही मंडी अधिकारी के हस्ताक्षर. ऐसे में किसानों से खरीदी गई धान से किसान की पहचान कैसे होगी और किस व्यापारी ने उसे खरीदा है, इसका पता कैसे चलेगा. जिसको लेकर उन्होंने मंडी प्रबंधन पर भी साठगांठ का आरोप लगाते हुए किसानो की फसल को बेमोल खरीदने की बात कही है.

मंडी में किसानों के प्रदर्शन की जानकारी के बाद मंडी पहुंचे एसडीएम और वर्तमान मंडी पदेन अध्यक्ष के. सी. बोपचे और तहसीलदार रामबाबू देवागन पहुंचे. जिन्होंने किसानों की समस्याओं को जानने के बाद जल्द ही इसके निराकरण का भरोसा दिलाया. साथ ही  मंडी प्रबंधन को भी व्यापारियों द्वारा बाहर से ही धान खरीदकर बेचने पर रोक लगाने के साथ मंडी के नाकों पर कार्यवाही करने के निर्देश दिये है. किसानों को आश्वस्त करते हुए एसडीएम ने आगामी 21 मई को व्यापारियों और किसानों की बैठक लेकर उनकी समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया है.  


Web Title : FARMERS ORGANIZATIONS AND PUBLIC REPRESENTATIVES WILL MEET ON 21ST MAY TO MEET TRADERS AND FARMERS IN SUPPORT OF FARMERS PADDY, FARMERS BEING PROCURED UNDER MARKET MANAGEMENT NEXUS