मछुआरे मत्स्य पालन के साथ अपने बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दें-प्रभारी मंत्री डंग.प्रभारी मंत्री ने मत्स्य पालकों को 140 मोटर साईकिल, 05 आटो, मोपेड एवं आईस बाक्स का किया वितरण

बालाघाट. मछुआरे मत्स्य पालन के कार्य को छोटा कार्य न समझें. कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता है. मछुआरे अपनी सोच को बड़ा करें और छोटे-छोटे काम भी मेहनत एवं ईमानदारी से करें. अपनी स्वयं की मदद करना सीखें तो निश्चित रूप से वे सफलता की सीढ़ियां चढ़कर उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ेंगें. मछुआरे मत्स्य पालन के साथ ही अपने बच्चों की शिक्षा पर अधिक ध्यान दें. इससे उनमें जागरूकता आयेगी और विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ने की ललक पैदा होगी. यह बातें मध्यप्रदेश शासन के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण मंत्री एवं बालाघाट जिले के प्रभारी मंत्री हरदीप सिंह डंग ने 14 जुलाई को बालाघाट में मछुआरों को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत जिले के मत्स्य पालकों को अनुदान पर मोटर साईकिल, आटो रिक्शा, मोपेड़ एवं आईस बाक्स वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही.

कमला नेहरू महिला मंडल के प्रांगण में आयोजित इस कार्यक्रम में आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे, विधायक गौरीशंकर बिसेन, जिला पंचायत प्रधान श्रीमती रेखा बिसेन, पूर्व विधायक रमेश भटेरे, के. डी. देशमुख, कलेक्टर दीपक आर्य, पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी सहित उप संचालक मत्स्योद्योग श्रीमती शशिप्रभा धुर्वे और अन्य विभागों के अधिकारी एवं मत्स्य पालक उपस्थित थे.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रभारी मंत्री डंग ने कार्यक्रम में मछुआरों को संबोधित करते हुए कहा कि जब भी सरकार कोई योजना लाती है तो उसका मकसद अंतिम छोर के व्यक्ति तक उसका लाभ पहुंचाना होता है. जब सरकार योजनाओं के माध्यम से हितग्राहियों को ऋण एवं अनुदान देती है तो इसका मतलब होता है कि सरकार हितग्राहियों को और अधिक मजबूत और समृद्ध बनाना चाहती है. अतः हम अपनी सोच को बड़ा रखें और हर काम को ईमानदारी व लगन के साथ करें. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में आज बालाघाट जिले के मछुआरों को अनुदान पर मोटर साईकिल, आटो रिक्शा, मोपेड एवं आईस बाक्स दिया गया है. यह एक अच्छी योजना है इसका लाभ दूरस्थ क्षेत्र के मछुआरों तक पहुंचना चाहिए. जिससे वे बिना किसी परेशानी के गांवों, बाजारों एवं घर-घर जाकर मछलियों का आसानी से विक्रय कर सकें.

आयुष मंत्री कावरे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मछुआरों की चिंता की है और उनके कल्याण के लिए मत्स्य संपदा योजना बनाई है. इस योजना से जिले के अधिक से अधिक मछुआरों एवं मत्स्य पालकों को लाभांवित करने का प्रयास किया जायेगा. विधायक गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि कोरोना काल में जिले के मछुआरों को बहुत नुकसान उठाना पड़ा है, लेकिन अब मछुआरों के लिए अच्छा समय आ रहा है. बालाघाट जिले में किसानों द्वारा धान की खेती की जाती है. लेकिन उन्हें धान की खेती के साथ मत्‍स्य पालन के क्षेत्र में भी आगे आने की जरूरत है.

कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रभारी मंत्री डंग एवं अतिथियों ने कन्या पूजन किया. कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री डंग ने प्रतीक स्वरूप बैहर के शैलेन्द्र टेकाम को बायोफ्लाक के लिए 04 लाख 50 हजार रुपये, पांडेवाड़ा के वेदराम रहांगडाले को नवीन तालाब के लिए 02 लाख 20 हजार रुपये, किरनापुर की वंदना कावरे को मोटर साईकिल के लिए 45 हजार रुपये एवं डोंगरमाली की रेखा बाई को कियोस्क के लिए 06 लाख रुपये का चेक प्रदान किया.

कार्यक्रम के प्रारंभ में उप संचालक मत्स्योद्योग श्रीमती शशिप्रभा धुर्वे ने बताया कि बालाघाट जिले में 10 हजार हेक्टेयर जल क्षेत्र में मतस्य पालन का कार्य किया जाता है और जिले में 68 करोड़ मत्स्य बीज का उत्पादन किया जाता है. बालाघाट जिला मत्स्यपालन एवं उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश का अग्रणी जिला है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना 10 सितम्बर 2020 से लागू की गई है. वर्ष 2020-21 में इस योजना के अंतर्गत जिले के मछुआरों को 20 मोटर साईकिल एवं एक आटो प्रदान किया गया था. चालू वर्ष 2021-22 में 140 मोटर साईकिल, 04 आटो, 100 साईकिल एवं एवं कोविड-19 संक्रमण काल में मृत मछुआरों की वारिस महिलाओं को आजीविका चलाने के लिए 06 मोपेड का वितरण किया गया है. इन सभी वाहनों के साथ ही मछुआरों को आईस बाक्स भी प्रदान किया गया है.   


Web Title : FOCUS ON EDUCATION OF THEIR CHILDREN WITH FISHERMEN FISHERIES MINISTER IN CHARGE DUNG. MINISTER IN CHARGE DISTRIBUTES 140 MOTORCYCLES, 05 AUTOS, MOPEDS AND ICE BOXES TO FISHERIES