जिले में चुनाव को लेकर बनाया गया आपदा में संचार और उपचार का फूल प्रूफ प्लान, गांेदिया, जबलपुर और नागपुर के अस्पताल आरक्षित

बालाघाट. बालाघाट जिला देश के 12 नक्सल प्रभावित जिलों तथा प्रदेश का एकमात्र अति नक्सल प्रभावित जिला है. जिसे देखते हुए संसदीय क्षेत्र की 8 विधानसभा में 3 विधानसभा बैहर, लांजी और परसवाड़ा में सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक तथा अन्य विधानसभाओं में सुबह 7 से शाम 6 बजे तक 19 अप्रैल को मतदान कराया जाएगा.

नक्सल गतिविधियों की हरकतों पर पुलिस विभाग की पैनी नजर है, लेकिन किसी अप्रिय घटना में किसी भी मतदान दल या निर्वाचन कार्य में कोई बाधा न पहुंचे और ऐसा कुछ हो तो तत्काल प्राथमिक उपचार मिल सके, इसके लिए जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा आपदा प्रबंधन के लिए संचार और उपचार के सारे बंदोबस्त किए जा रहे है. जिसे लेकर रविवार को जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने स्वास्थ्य विभाग, जिला पंचायत और राजस्व विभाग एवं एआरओ विभागों के साथ एक बैठक की. जिसमें ऐसी ही किसी अप्रिय घटना के बाद किसकी क्या जिम्मेदारी होगी? संचार कैसे होगा? उपचार कैसे और कौन करेगा ? इस सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई.  

जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर डॉ. मिश्रा ने ऐसे शासकीय कर्मी जो मतदान दिवस के दिन केंद्र पर रहेंगे, उन्हें भी विशेष रूप से निर्देशित किया है. जिले में ऐसे 58 मतदान केंद्रों के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी ऐतिहात बरतने के निर्देश दिए गए है. मतदान केंद्रों पर ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि स्थानीय स्तर पर प्राथमिक उपचार किया जा सके. इसके लिए केंद्रों पर विशेष मेडिकल किट उपलब्ध रहेगा. साथ ही डीईओ डॉ. मिश्रा ने मतदान केंद्रों के आसपास के हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर तथा पीएचसी और एसएचसी पर सूचीबद्ध की गई दवाइयों को जांचने के निर्देश देते हुए कहा है कि अगर केंद्रों पर दवाएं उपलब्ध नही है तो डिमांड कर ले.  

सचिव और जीआरएस को बताया मतदान शीघ्रता से कराने का प्लान 

बैठक सह प्रशिक्षण में डीईओ डॉ. मिश्रा ने उन सभी सचिवों और जीआरएस को मतदान जल्दी कराने के तरीके सुझाये गए. उन्हें बताया गया कि दल के पहुँचने पर ही सारी तैयारियां रात में ही कर लेंगे. अभिकर्ताओं और गांव वाले मतदाताओ को पूर्व से ही जल्द मतदान के लिए सूचित करेंगे. यदि मतदान दलों की गति धीमी है तो सेक्टर को इन्फॉर्म करके अतिरिक्त अधिकारी की मांग करेंगे. साथ ही शाम का भोजन तैयार करके बसों में ही रखेंगे.

जिला अस्पताल सहित गोंदिया, जबलपुर और नागपुर के अस्पताल किये आरक्षित

डीईओ डॉ. मिश्रा ने सीएमएचओ डॉ. पांडे और एडीएम श्री धुर्वे को निर्देश दिए है जिन अस्पतालों को आरक्षित रखा जा रहा है, उन्हें आज ही पत्र भेजे. जबलपुर मेडिकल कॉलेज के अलावा सहयोग अस्पताल, मेडिट्रीना इंस्टिट्यूट और प्लेटिना हार्ट हॉस्पिटल को आकस्मिक उपचार के लिए आरक्षित किया गया है. साथ ही उन अस्पतालों के लिए पुलिस और अधिकारी को लाइजनिंग अधिकारी नियुक्त किया गया है. वे संबंधित अस्पतालों के प्रबंधन से चर्चा करेंगे. इनके अलावा जिला अस्पताल में भी 10 आईसीयू बेड आरक्षित रखें जाएंगे. साथ ही तहसीलों के सिविल अस्पतालों व जनपद स्तरीय सामुदायिक केंद्रों में 5-5 बेड आरक्षित रखें जाएंगे. पूरे समय डॉक्टर्स नियुक्त रहेंगे.

सामान्य सेक्टर अधिकारी के अलावा मेडिकल सेक्टर अधिकारी भी होंगे नियुक्त

डीईओ डॉ. मिश्रा के निर्देशानुसार सीएमएचओ डॉ. पांडे ने सामान्य सेक्टर अधिकारियों के अलावा एक-एक मेडिकल सेक्टर अधिकारी भी नियुक्त किये है. जिसमें आयुष अधिकारी और मेडिकल ऑफिसर के साथ फार्मासिस्ट, लेब टेक्नीशियन और एमपीडब्ल्यू भी उपस्थित रहेगा. हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर आवश्यक उपकरण और कुछ विशेष दवाइयां उपलब्ध रहेंगी. वहीं मतदान केंद्रों पर विशेष दवाइयों के अलावा आशा और एएनएम भी मौजूद रहेगी. सभी बीएमओ को निर्देश है कि ऐसे मतदान केंद्रों के सचिवों जीआरएस के नम्बर मोबाइल में सेव करेंगे. कोई सूचित करता है और बाद में कॉल नही कनेक्ट हो तो इमरजेंसी के लिए एआरओ, सेक्टर या पुलिस को सूचित करेंगे. अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों के लिए चिकित्सा व्यवस्था के लिए अलग से इंफर्मेशन सूची भी बनाई गई है.


Web Title : FOOL PROOF PLAN FOR COMMUNICATION AND TREATMENT IN DISASTER MADE FOR ELECTIONS IN DISTRICT, HOSPITALS RESERVED IN GANDIA, JABALPUR AND NAGPUR