चीतल के शिकार के चार आरोपी गिरफ्तार, तीन फरार

बालाघाट. जिले में लगातार वन्यप्राणियों के शिकार के सामने आते मामले ने वन्यप्राणियों की सुरक्षा को लेकर वनविभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिया है. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में वन्यप्राणी के शिकार के मामले लगातार सामने आ रहे है. जिसे रोकने में वनविभाग कमजोर नजर आ रहा है. वन्यप्राणी चीतल के एक ऐसे ही मामले में मुखबिर की सूचना के बाद चार आरोपियों को वनविभाग की टीम ने गिरफ्तार किया है.

मिली जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत जरेरा के जोघीटोला स्थित उमरधोनी बीट में 25 फरवरी को करंट लगाकर वन्य प्राणी चीतल का करंट से शिकार करने वाले चार आरोपियों को वनविभाग की टीम ने गिरफ्तवार उनके पास से करंट लगाने उपयोग किये गये तार और चीतल का मांस बरामद किया है. आरोपियों के खिलाफ वनविभाग ने वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आरोपियों को न्यायालय में पेश किया. जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भिजवा दिया गया है.  

वनविभाग से मिली जानकारी अनुसार 25 फरवरी को ग्राम जरेरा, जोघीटोला और बीजा टोला के करीब आधा दर्जन से अधिक ग्रामीणों ने उमरधोनी बीट के जंगल में विद्युत करंट लगाकर चीतल का शिकार किया था. शिकार के बाद 26 फरवरी को आरोपियों ने मांस का बंटवारा किया और उसे पकाकर खा रहे थे. इसी दौरान मुखबिर की सूचना पर वन अमले ने आरोपियों के घर दबिश देकर आरोपियों के घर से चीतल का कच्चा एवं पका हुआ मांस बरामद किया. वही पूछताछ करने पर आरोपियों के घर से शिकार के उपयोग में लाई गई विभिन्न सामग्री जप्त की गई. हालांकि इस मामले में तीन आरोपी फरार बताये जा रहे है.

वनविभाग की टीम ने विघुत करंट लगाकर वन्यप्राणी चीतल का शिकार करने के मामले में 7 आरोपियों के खिलाफ प्रकरण तैयार किया है. जिसमें चार आरोपियों जोघीटोला निवासी 28 वर्षीय रामचरण पिता मंसाराम, 35 वर्षीय शोभाराम पिता जत्तर सिंह मडावी, बीजाटोला निवासी 26 वर्षीय सखन पिता ईशुलाल कुंजाम और 25 वर्षीय मनोज पिता शिवलाल उइके को गिरफ्तार किया है. जबकि बीजाटोला निवासी 22 वर्षीय धर्मेंद्र पिता झनकलाल सिरसाम, जरेरा निवासी 63 वर्षीय डुकरूलाल पिता लखीराम नगपुरे और 32 वर्षीय पतिराम पिता राधेलाल केवट फरार है. जिनकी वनविभाग की टीम तलाश कर रही है.


Web Title : FOUR ACCUSED ARRESTED FOR CHEETAL POACHING, THREE ABSCONDING