जिले के बहुचर्चित चंदोरी कांड में 6 आरोपियो को आजीवन कारावास, पत्रकार साथियों को मिला न्याय, एक आरोपी अब भी फरार, 12 साल बाद आया फैसला

बालाघाट. 12 साल बाद वारासिवनी चंदोरी कांड का फैसला, गुरूवार को बालाघाट न्यायालय के विशेष न्यायाधीश के. एस. बारिया की कोर्ट से आया. जिसमें 06 आरोपियों को आजीवन कारावास और 3-3 हजार रूपए के अर्थदंड से दंडित करने का आदेश दिया है. इस मामले मंे उन पीड़ित पत्रकारो को न्याय मिला है, जिन्हें इस मामले में आरोपी बनाया गया था.  इस मामले में बनाए गए कुल 11 आरोपियो में 06 आरोपियों को आजीवन कारावास और 04 चार आरोपियों को दोषमुक्त किया गया है. जिसमें दो महिलाएं और दो पत्रकार है. जबकि एक महिला आरोपी फरार है.

जिला अभियोजन अधिकारी कपिल डेहरिया ने बताया कि 24 अप्रैल 2012 को बालाघाट नगर निवासी एक व्यापारी ने कोतवाली पुलिस में शिकायत की थी. जिसमंे उसने बताया था कि किस तरह से एक युवती ने उसे वारासिवनी के चंदोरी बुलाया. जहां पहुंचने पर उसके साथियों ने उसे कमरे में ले जाकर जबरदस्ती उसके कपड़े उतरवाए और एक महिला के साथ नग्न फोटो ली. जिसे उसके परिवार और ससुराल में वायरल करने की धमकी देकर रूपए मांगे गए. जिसमें पुलिस ने अपराध पंजीबद्व कर धारा 395, 120 बी और 386 भादंवि. के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना के दौरान 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. जिसमें दो पत्रकार, पुलिसकर्मी और अन्य लोग थे.  

जिसमें पुलिस ने संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया था. जिसमें माननीय न्यायालय ने इस मामले को सहानुभूति योग्य ना मानते हुए आरोपी वारासिवनी थाना अंतर्गत चंदौरी निवासी 41 वर्षीय कमलेश उर्फ वित्तुबाबा पिता जयचंद पटले, 33 वर्षीय लक्ष्मी उर्फ शीतल उर्फ बबली पति कमलेश पटले, लालबर्रा थाना अंतर्गत देवरी, वर्तमान पता भटेरा चौकी निवासी 53 वर्षीय मेखराम श्रीनील, 44 वर्षीय निकलेश पिता महेन्द्रसिंह ठाकुर, 42 वर्षीय मनोज पिता जंगीसिंह परस्ते और 38 वर्षीय राजुल पिता प्रहलाद कोटांगले को धारा 395/120बी भादंसं. में आजीवन कारावास और 3 हजार रूपए अर्थदंड एवं धारा 386/120 बी भादंसं. में 10 वर्ष के कठोर कारावास और 3 हजार रूपए अर्थदंड से दंडित करने का फैसला दिया है. जबकि इस मामले में एक महिला आरोपी बालाघाट भिखारी मोहल्ला निवासी रेशमा उर्फ रोशनी पिता नजरूद्दीन, अब भी फरार है.  

सत्य प्रताड़ित हो सकता है परास्त नहीं

इस मामले में आरोपी बनाए गए पत्रकार शशांक माहुले ने कहा कि सत्य प्रताड़ित हो सकता है परास्त नही. हमें न्यायालय के न्याय पर विश्वास था और आज न्यायालय से हमें न्याय मिला है. इस मामले में पत्रकार शशांक माहुले के साथ ही हितेन्द्र चौहान, लालबर्रा थाना अंतर्गत खुरपोड़ी निवासी नंदाबाई उर्फ यमुना पति धिरनलाल पगरवार और हट्टा थाना अंतर्गत देवरी हाल मुकाम ग्रामीण थाना अंतर्गत कोसमी निवासी गीताबाई पति नेतलाल उके को न्यायालय ने आरोप से दोषमुक्त कर दिया है.  


Web Title : IN THE FAMOUS CHANDORI CASE OF THE DISTRICT, 6 ACCUSED GOT LIFE IMPRISONMENT, JOURNALIST COLLEAGUES GOT JUSTICE, ONE ACCUSED STILL ABSCONDING, VERDICT CAME AFTER 12 YEARS