बालाघाट. प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी आगामी 25 मार्च से प्रारंभ हो रहे चैत्र नवरात्र का पर्व मां कालीपाठ मंदिर समिति में पूरे भक्तिभाव के साथ मनाया जायेगा. मंदिर में चैत्र नवरात्र पर भक्तों द्वारा रखे गये मनोकामना कलश भी प्रज्जलवित किये जायेंगे, किन्तु देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर इस वर्ष मंदिर समिति ने भक्तों के मंदिर प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है.
मां कालीपाठ मंदिर समिति अध्यक्ष संयोग कोचर ने बताया कि प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी मातारानी का त्यौहार चैत्र नवरात्र मां कालीपाठ मंदिर समिति द्वारा पूरे भक्तिभाव और श्रद्वा के साथ मनाया जायेगा. जिसकी सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई है. मंदिर में प्रतिवर्ष सैकड़ो भक्तो द्वारा मनोकामना कलश प्रज्जलवित किये जाते है, वह मनोकामना कलश भी प्रज्जलवित किये जायेंगे. किन्तु इस बार कोरोना वापरस के संक्रमण से बचाव और सावधानी को लेकर मंदिर समिति ने निर्णय लिया है कि सभी मनोकामना कलश मंदिर पुजारी द्वारा ही प्रज्जलवित किये जायेंगे और मंदिर के गेट के अंदर भक्तों के प्रवेश को निषेध किया गया है. देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में फैल रहे कोरोना वायरस के बचाव को लेकर जो निर्देश दिये है, उसे हम सभी को मानना जरूरी है, चूंकि कोरोना वायरस एक लाईलाज बीमारी है. हमें जागरूकता के साथ इस बीमारी को फैलने से रोकना है. जिसके लिए चैत्र नवरात्र में भक्तों की भीड़ मंदिर में न लगे, इसके लिए मंदिर समिति ने कुछ कड़े कदम उठाते हुए यह निर्णय लिया है कि इस वर्ष मंदिर में भक्तों का प्रवेश निषेध रहेगा. केवल मंदिर में पुजारी ही मातारानी की पूजा अर्चना करेंगें. यही नहीं बल्कि इस वर्ष मनोकामना ज्योति कलश विसर्जन यात्रा भी नहीं निकाली जायेगी.
उन्होंने भक्तों से मंदिर समिति द्वारा लिये गये निर्णय पर सहयोग की अपील करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव और सावधानी को लेकर जागरूक रहे और आसपास के लोगों को भी जागरूक करे. आपदा के इस समय हम सब मिलकर एकजुटता से इस बीमारी के खिलाफ लड़ने का हौंसला पैदा करें.