टूरिज्म की संभावनाओं को तलाशने तीन हजार फीट ऊंची पहाड़ी पर पहुंचे अधिकारी, पर्यटन की तलाशी संभावनाएं, पर्यटन विभाग को भेजा जाएगा प्रस्ताव, मंजूरी मिली तो जिले में पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

बालाघाट. कलेक्टर डॉ. गिरीश मिश्रा और जिला पंचायत सीईओ डीएस रणदा के मार्गदर्शन और पर्यटन विभाग के सहयोग से जिला पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद (डीएटीसीसी) की टीम जिले में पर्यटन की संभावनाओं को तलाशने और विकसित करने प्रयासरत है. इसी कड़ी में शनिवार को डीएटीसीसी की टीम जिला मुख्यालय से 22 किमी. दूर ग्राम मगरदर्रा पहुंची. यहां तीन हजार फीट ऊंची पहाड़ी पर प्रकृति के अनुपम सौन्दर्य के बीच विराजित मॉ मांडोमाई सहित अन्य दर्शानिक धार्मिक स्थलों का अवलोकन कर मूलभूत सुविधाओं का जायजा लिया गया. अधिकारियों के अनुसार शीघ्र ही प्रस्ताव बनाकर पर्यटन विभाग को भेजा जाएगा. मंजूरी मिलने पर सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा. टीम में डीएटीसीसी नोडल विकास रघुवंशी, पर्यटन प्रबंधक एमके यादव, उपयंत्री रविन्द्र ठाकरे, जीआरएस के अलावा पर्यटन प्रेमी अंकुश, माही चौहान, स्थानीय जनप्रतिनिधि रमेश मर्सकोले, शंकर सिंह, प्रदीप डहरवाल, सुरेश गोस्वामी, गेंदलाल शिवने, प्रकाश मर्सकोले, निलेश हरिनखेड़े, भूपेन्द्र सिंह चौहान और गणमान्य शामिल रहे.

पहाड़ी पर स्थित है कई धार्मिक स्थल

जिला मुख्यालय से 22 किमी दूर नैनपुर पहुंच राज्य मार्ग पर मगरदर्रा में हिंदू धर्मावलंबियों और आदिवासी गोंड समाज के देवी देवताओं के धार्मिक स्थल विद्मान है. इनमें प्रमुख जड़ी वाली माता, भगवान श्रीगणेश, शेष नाग की प्रतिमा, भैरव बाबा, मांडोमाई और गंगा माई मंदिर शामिल है. घने जंगलों की सुरम्य वादियों से अच्छादित प्रकृति का अनुपम सौन्दर्य पहाड़ी में पहुंचने पर नजर आता है. भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच मन को सुकून और शांति का अहसास कराने वाला वातावरण और प्राकृतिक सौन्दर्य को निहारने भी यहां लोग पहुंचा करते हैं.  

प्रतिवर्ष पहुंचते हैं लाखों श्रद्धालु

ग्राम के पूर्व सरपंच चौहान और वर्तमान सरपंच फूलचंद चौधरी के अनुसार वैसे तो 12 माह यहां पर्यटक और श्रद्धज्ञलुओं का पहुंचना होता है. लेकिन दशहरा, नवरात्र, शिवरात्रि जैसे धार्मिक अवसरों पर यहां 09 से 10 दिन का मेला भरता है. इस दौरान एक लाख से अधिक संख्या में लोग पहुंचते हैं. इन्होंने बताया कान्हा पहुंचने वाले विदेशी पर्यटक भी यहां पहुंचा करते थे. लेकिन सुविधाओं की कमी के  कारण अब इनकी संख्या कम हो रही है.

इन सुविधाओं की दरकार

अधिकारियों को पर्यटकों और श्रद्धालुओं ने बताया कि मगरदर्रा पर्यटन स्पॉट पर सबसे अधिक पेयजल की समस्या बनी हुई है. जन सहयोग से समिति सदस्यों ने चंदा कर सीढियों का निर्माण और बोरवेल खनन करवा लिया है. अब पानी को पहाड़ी के उपर तक ले जाने की जरूरत है. वहीं सामदायिक शौचालय, मांडोमाई तक सीढिया, उद्यान, बैठक और कुछ देर आराम के लिए शेड आदि की व्यवस्थएं कर दी जाए तो जिले के श्रेष्ठ टॅूरिज्म स्पॉट में यह स्थल सुमार हो सकता है.  

तैयार किया जा रहा प्रस्ताव

मुआयना करने के बाद अधिकारियों ने बताया कि कलेक्टर और सीईओ को पूरी वस्तुस्थिति से अवगत कराया जाएगा. वहीं प्रस्ताव बनाकर पर्यटन विभाग को भेजा जाएगा. मंजूरी मिलने पर सुविधाओं का विस्तार करने प्रयास किए जाएंगे. वहीं जन भागीदारी से किए जाने वाले कार्यो को भी वरिष्ठों के संज्ञान में लाकर कार्य करवाए जाएंगे.


Web Title : OFFICIALS REACHED THE THREE THOUSAND FEET HIGH HILL TO EXPLORE THE POSSIBILITIES OF TOURISM, THE POSSIBILITY OF EXPLORING TOURISM