हजारो रूपये के शुल्क काटे बिना छोड़ दिया गया धान!, कृषि उपज व्यापारियों ने सौंपा ज्ञापन

बालाघाट. बालाघाट में प्रशासनिक दृष्टि में कार्यवाही के नाम पर कितनी मनमर्जी का खेल खेला जा रहा है उसका जीवंत उदाहरण है बालाघाट में मिलिंग के धान के महाराष्ट्र जाते हुए पकड़ाया जाने के बाद उस मामले में हो रही प्रशासनिक लापरवाही के कारण हजारो रूपये का शासन को मिलने वाले शुल्क चुकाये बिना, ट्रक के धान को छोड़ दिया जाना. जो समझ से परे है, लेकिन जानकारों का मानना है कि यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पूर्व भी अन्य ट्रको के पकड़ाये जाने के बावजूद बिना शासन को मिलने वाले शुल्क वसुले छोड़ दिया गया है, जिसमें कृषि उपज उपमंडी और नाका कर्मचारियो एवं अधिकारियो की मिलीभगत है. जिसकी जांच होना चाहिये.

महज एक सादे आदेश पत्र के हवाले से शंका के आधार पर महाराष्ट्र जाती हुई धान को छोड़े जाने के बाद कई तरह की गंभीर त्रुटियां इस मामले में सामने आ रही है. आज 17 सितंबर को लांजी के कृषि उपज व्यापारियों ने हाल में महाराष्ट्र जाते हुए पकड़े गये धान को 5 गुना मंडी शुल्क और समझौता शुल्क की कार्यवाही के बिना छोड़े जाने का सीधा आरोप लगाया गया है. कृषि उपज व्यापारी संघ लांजी से पहुंचे प्रतिनिधि लिलेश्वर खानोरकर, गनपत मेयकर, गणेश मुरकुटे, धीरन माहुले, धर्मराज अवसरे, सोहन सोहनकर और तुलसीराम मुरकुटे सहित अन्य प्रतिनिधियों ने धान से भरे ट्रक को लांजी मंडी और नाका कर्मचारियों की मिलीभगत से महाराष्ट्र पार किये जाने के मामले की जांच किये जाने की मांग की है, उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा पकड़ा गया धान कैसे महाराष्ट्र जा रहा था, इसकी जांच होनी चाहिये और इसमें मंडी अधिकारी और नाका कर्मचारियो की भूमिका की भी जांच होनी चाहिये.

विगत महिनो में एक व्यापारी के पकड़े गये धान से भरे ट्रक से 5 गुना मंडी शुल्क और समझौता शुल्क वसुले जाने का उदाहरण देते हुए कृषि उपज व्यापारियों ने कहा कि उससे राशि वसुली गई किन्तु लांजी पुलिस द्वारा पकड़े गये धान से भरे ट्रक को बिना शुल्क चुकाये छोड़ दिया दिया गया, जो मंडी के भेदभाव की नीति को प्रदर्शित करता है. कृषि उपज व्यापारियों ने धान से भरे ट्रक को मिलर्स के यहां खाली करा दिये जाने पर भी शंका जाहिर करते हुए मंडी अधिकारी और नाका कर्मचारी ने अपनी गलती के पकड़ाये जाने के कारण जल्दी से जल्दी धान को छुड़ाये जाने का कुत्सित प्रयास किया है, जिसमंे उनकी भी भूमिका की जांच की जानी चाहिये.

लांजी कृषि उपज व्यापारी संघ के प्रतिनिधियों का सीधा आरोप है कि बड़ी मात्रा में कोचिओ द्वारा बिना मंडी शुल्क चुकाये मंडी नाको से धान का महाराष्ट्र परिवहन किया जाता है और वैधानिक रूप से कृषि उपज का काम कर मंडी शुल्क चुकाकर व्यवसाय करने वाले करने वाले धान के व्यापारियों को परेशान करने का काम लांजी मंडी के अधिकारी और नाका के कर्मचारियों द्वारा किया जाता है, जो न्यायसंगत नहीं है.  

उन्होंने पुलिस द्वारा पकड़े गये धान को 5 गुना मंडी शुल्क एवं समझौता शुल्क पटाये बिना छोड़ दिये जाने पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इस मामले की प्रशासन जांच कराये और दोषी मंडी अधिकारी और नाका कर्मचारियों को दंडित करें.


Web Title : PADDY LEFT WITHOUT DEDUCTING THOUSANDS OF RUPEES FEE!, MEMORANDUM SUBMITTED BY AGRICULTURAL PRODUCE TRADERS