यातायात विभाग की कार्यवाही को न्यायालय में प्रमाणित नहीं कर सका अभियोजन, मोटर व्हीकल एक्ट से माननीय न्यायालय ने किया बरी, पीड़ित ने कहा कार्यवाही के खिलाफ दायर करेंगे परिवाद

बालाघाट. यातायात विभाग के नियमों का पालन किए जाने के बावजूद मोटर व्हीकल एक्ट के तहत की गई कार्यवाही को अभियोजन माननीय न्यायालय मंे प्रमाणित करने में असफल रहा. जिसके चलते बालाघाट न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संजीव कटारे की अदालत ने आरोपी बनाए गए बालाघाट प्रेमनगर निवासी 53 वर्षीय अनुराग पिता अम्बिका प्रसाद मिश्रा को दोषमुक्त करने का आदेश दिया है. माननीय न्यायालय से यातायात नियमो के आरोप से बरी किए गए अनुराग मिश्रा ने कहा कि कार्यवाही के बाद भी उन्हांेने इस मामले मंे पुलिस विभाग को शिकायत की गई थी लेकिन उस शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. आज माननीय न्यायालय ने निर्णय देकर साबित कर दिया कि वह सही थे और आज उन्हें न्याय मिला है. यह उनकी नहीं बल्कि गलत कार्यवाही से सताए गए लोगों की जीत है. उन्होंने कहा कि इस कार्यवाही से वह मानसिक और आर्थिक रूप से काफी परेशान रहे है, जिसको लेकर अब वह परिवाद दायर करेंगे.  

गौरतलब हो कि इससे पूर्व भी कोतवाली थाना में एक मामले मंे थाना बुलाए जाने और अभद्रता किए जाने के मामले में अनुराग मिश्रा माननीय न्यायालय में परिवार दायर कर चुके है. यह दूसरी मर्तबा होगा कि यातायात विभाग की इस कार्यवाही के बाद वह फिर पुलिसिया कार्यवाही से व्यथित होकर परिवाद दायर करेंगे.  मामला 18 नवंबर 2019 के अपरान्ह लगभग 4. 30 बजे का है, जब सरेखा बायपास में बिना हेलमेट के तेज रफ्तार में नो-इंट्री के दौरान वाहन चलाते हुए यातायात थाना में पदस्थ उपनिरीक्षक विजय देवड़ा ने वाहन चेकिंग के दौरान पकड़ा था. जिसमें वाहन चालक अनुराग मिश्रा के सम्मन शुल्क काटने से इंकार करने के बाद यातायात उपनिरीक्षक ने गवाहों के समक्ष पंचनामा तैयार कर वाहन को जब्त कर यातायात थाने में अभिरक्षा में रखा था और मामले मंे संपूर्ण कार्यवाही के उपरांत मोटर यान अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण न्यायालय में पेश किया गया था. जिसमें विचारण उपरांत माननीय न्यायालय ने फैसला देते हुए कहा कि मामले में संपूर्ण साक्ष्य विवेचन से अभियोजन यह प्रमाणित करने में असफल रहा है कि आरोपी अनुराग मिश्रा ने 18 जनवरी 2019 को समय 16. 30 बजे थाना कोतवाली अंतर्गत सरेखा बायपास में नो-इंट्री में अपने आधिपत्य के वाहन मोटर सायकिल क्रमांक एमपी 50 एमआर 5338 को लोक मार्ग पर खतरनाक तरीके से बिना हेलमेट के चलाकर यातायात के नियमों का उल्लंघन कर नो-इंट्री में उक्त वाहन का चालान किया और वाहन से संबंधित दस्तावेज दिखाने की अपेक्षा पर वाहन से संबंधित दस्तावेज पेश नहीं किया. जिससे आरोपी को धारा 184,129/177, 119/177, 130(3)/177 मोटरयान अधिनियम के आरोपों से दोषमुक्त किया जाता है. मामले मंे पीड़ित की ओर से अधिवक्ता भूपेश शर्मा ने पैरवी की थी.


Web Title : PROSECUTION COULD NOT PROVE THE ACTION OF THE TRAFFIC DEPARTMENT IN THE COURT, THE HONORABLE COURT ACQUITTED THE MOTOR VEHICLE ACT, THE VICTIM SAID THAT THE COMPLAINT WILL BE FILED AGAINST THE ACTION