शोभा की सुपारी बने यातायात सिंगनल,शहर की जनता के टैक्स के 13 लाख पर नपा और यातायात की हवा-हवाई बयानबाजी

बालाघाट. तत्कालीन नगरपालिका अध्यक्ष कार्यकाल में शहर की यातायात को व्यवस्थित करने शहर के हनुमान चौक और काली पुतली चौक में यायायात सिंगनल लगाये गये थे. इंदौर की एक कंपनी के माध्यम से जनता के टैक्स की गाढ़ी कमाई से 13 लाख रूपये की लागत से लगाये गये यातायात संकेतक वर्तमान में शोभा की सुपारी बने है. जिसे बनने के बाद न तो नपा ने वर्षो बीत जाने के बाद यातायात विभाग को हैंडओवर किया और न ही यातायात विभाग ने कभी हैंडओवर के लिए प्रयास किया. वर्तमान में यह संकेतक बंद पड़े है और शोभा की सुपारी की तरह नजर आने लगे है.  

गौरतलब हो कि इलेक्ट्रो एड्स इंदौर की कंपनी के प्रमोद अगले द्वारा शहर के एक युवा के माध्यम से तत्कालीन नगरपालिका अध्यक्ष अनिल धुवारे के कार्यकाल में 13 लाख से लगाये गये थे. जिसकी निविदा 13 अप्रैल 2016 में जारी की गई थी और वर्क ऑर्डर 16 नवंबर 2016 को निकला था. जिसके बाद शहर के काली पुतली चौक और हनुमान चौक में यातायात सिंगनल लगाये गये, ताकि शहर की अव्यवस्थित यातायात व्यवस्था को व्यवस्थित किया जा सके. लेकिन आज 5 साल हो गये है, महज 5 बार महिने भी संकेतक का सही उपयोग नहीं हो सका. अब महिनों से बंद पड़े इस सिंगनल को सुधारने ही 11 से 12 लाख रूपये का खर्च नपा बता रही है और खर्च को लेकर नपा ने हाथ खड़े कर दिये है तो दूसरी ओर यातायात विभाग का कहना है कि इतना बजट तो उनके पास भी नहीं है. हालांकि दोनो ही विभाग सिंगनल को लेकर पत्राचार की बात तो स्वीकारते है लेकिन हैंडओवर की प्रक्रिया 5 साल बाद भी केवल और केवल पत्राचार तक ही सीमित है.

कभी शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने तत्कालीन और वर्तमान पुलिस अधिकारी द्वारा बकायदा पुलिस के जवानों को काली पुतली चौक पर जब यातायात सिंगनल शुरू थे, व्यवस्था बनाने का प्रयास किया गया. लोग बकायदा सिंगनल बत्ती का अनुसरण करने भी लगे थे लेकिन यह प्रयास भी चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात की कहावत की तरह ही रहा और वह समय के साथ बंद हो गई.  

फिलहाल शहर में शोभा की सुपारी बने यह यातायात सिंगनल कब शुरू होंगे या होंगे भी नहीं, इसका तो भगवान ही मालिक है लेकिन जिस तरह से अपनों को फायदा पहुंचाने शहर की जनता के टैक्स से सिंगनल के नाम पर फाग खेली गई है, उससे शहर की जनता नाराज है और चितिंत भी, चितिंत इस कारण, कि आखिर शहर में मौजूद बड़े अधिकारियों और प्रशासक को यह नजर क्यों नहीं आ रहा है, जनता पूछ रही है कि या तो सिंगनल को प्रारंभ किया जायें या फिर शोभा की सुपारी बने सिंगनल के नाम पर फाग खेलने वालों पर कार्यवाही की जाये.


इनका कहना है

शहर में यातायात सिंगनल नपा द्वारा लगाये गये थे और अभी नपा के पास ही है, इसे प्रारंभ कराने को लेकर हमारी कोशिश है लेकिन इसके मैंटनेस में 10 से 12 लाख रूपये व्यय आ रहा है, नपा की आर्थिक स्थिति अभी ठीक नहीं है, तो नपा द्वारा इसे संचालित किया जाना संभव नहीं है. हम यातायात विभाग को इसे हैंडओवर करने तैयार है. अगर यातायात विभाग इसे संचालित करता है तो शहर की यातायात व्यवस्था में अच्छी-खासी सुविधा होगी. नपा इसे संचालित नहीं कर सकती.

सतीश मटसेनिया, सीएमओ, नपा बालाघाट

यातायात सिंगनल वर्तमान में नपा के पास है. जो खराब है, जिसको लेकर चर्चा में हमें बताया गया कि बजट में राशि मिलते ही उसे ठीक करवा लिया जायेगा. पुलिस विभाग के पास इतना बजट नहीं होता है कि वह उसका सुधार कार्य कर सके. रही बात कर्मियों के चौक में ड्युटी नहीं होने की तो उपलब्ध बल के अनुसार संभावित भीड़ वाले ईलाके में बल तैनात किया जाता है, बल मिलेगा तो निश्चित ही वहां भी बल को लगाया जायेगा. हमारा प्रयास होगा कि यातायात सिंगनल को प्रारंभ कर सकें.

शैलेन्द्र यादव, प्रभारी, यातायात थाना


Web Title : SHOBHAS BETEL NUT BECOMES TRAFFIC CHANNEL, CITYS PUBLIC TAX TAX AT 13 LAKH, NAPPA AND TRAFFIC AIR BORNE RHETORIC