श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान आज से, 24 मंडलो पर होगा पूजा विधान का अवसर, शहर में निकली घटयात्रा

बालाघाट. नववर्ष के आगमन पर आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के आशीर्वाद एवं आर्यिकारत्न पूर्णमति माताजी की प्रेेरणा से विद्यानाचार्य ब्रम्हचारी अरूण भैया जी, संजीव भैया जी एवं शैलु भैयाजी के सानिध्य में श्री दिगंबर जैन समाज द्वारा श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान का आयोजन आज 1 जनवरी से 9 जनवरी तक तक संयम स्वर्ण सभागार महावीर भवन में किया गया है.  

हालांकि कार्यक्रम की शुरूआत घटयात्रा, ध्वजारोहण एवं श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान पात्रों का चयन से 31 दिसंबर को हो चुका है. जिसके तहत सखी दिव्य घोष मंडल द्वारा बैंड, बाजे के साथ घटयात्रा निकाली गई. जो दिगंबर जैन मंदिर से प्रारंभ होकर अहिंसा द्वार होते हुए महावीर भवन पहुंची, जहां इसका समापन किया गया. जिसके बाद महावीर भवन में जयकुमार जैन द्वारा ध्वजारोहण कर विधाान की शुरूआत की गई. इस दौरान महिलाओं द्वारा स्वयं बैंड-बाजा बजाया गया, जो आकर्षण का केन्द्र रहा. पूर्व सहसचिव नितिन जैन ने बताया कि श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान के पूरे दिन विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे.  

जहां विद्यानाचार्य ब्रम्हचारी अरूण भैया जी ने दिये गये प्रवचन में ‘‘सिद्धचक्र’’ के महत्व को परिभाषित करते हुए बताया कि ‘‘सिद्धचक्र’’का अर्थ है सिद्धों का समूह होता है. तीनलोक के अग्रभाग पर अनंतानंत सिद्ध विराजमान रहते हैं. उन सबको सिद्धचक्र विधान के माध्यम से नमन किया गया जाता है. अष्टान्हिका पर्व में प्रायः सभी जगह सिद्धचक्र विधानों के आयोजन देखे जाते हैं क्योंकि मैना सुन्दरी ने अष्टान्हिका में इसकी विधिवत् आराधना करके अपने पति एवं सात सौ कुष्ठियों का कुष्ठ रोग दूर किया था. ‘‘सिद्ध’’ यह शब्द विशेष मंगलसूचक है. इस पद के नामोच्चारण से अनेक कार्यों की सिद्धि होती है. आचार्य श्री पूज्यपाद स्वामी ने ‘‘जैनेन्द्रप्रक्रिया’’ नामक व्याकरण ग्रंथ का शुभारंभ ‘‘सिद्ध’’ शब्द से किया है. इसी के तहत श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान का प्रावधान है, जिसका पालन सभी सधर्मी जैन बंधुओं के लिए जरूरी है.

श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान पात्रों का चयन

आज से प्रारंभ हो रहे श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान के पात्रों का चयन किया गया. जिनके द्वारा विधान के दौरान पूजन, पाठ और सिद्धों की आराधना की जायेगी. जिसमंे सौधर्म इंद्र दीपा दीपक जैन, कुबेर इंद्र संध्या राजकुमार जैन, यज्ञ महानायक सपन समीर जैन, भरत चक्रवती वीरेंद्र रमेशचंद्र जैन, श्रीपाल मैना सुंदरी अरुण हरप्रसाद जैन, ध्वजा रोहन सुमित जय कुमार जैन, भगवान के माता-पिता अजय कुमार जैन, ईशान इंद्र निलेश धन्य कुमार जैन, सनत कुमार आनंद प्रसन्न मॉडल, बाहुबली आदित्य मोदी द्वारा विधिविधान से कार्यक्रम कराये जायेंगे.

आचार्य ज्ञानसागर पाठशाला समिति का गठन

समाज के बच्चों को धर्म एवं नैतिक शिक्षा देने वाली आचार्य ज्ञानसागर पाठशाला समिति का गठन किया गया. जिसमें सर्वसम्मति से अध्यक्ष सोनिया जैन, उपाध्यक्ष श्रीमती संगीता जैन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीमती लता चक्रेश जैन, कनिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीमती रजनी जैन, सचिव श्रीमती प्रियंका जैन, सहसचिव श्रीमती निधि जैन, कोषाध्यक्ष श्रीमती उषा जैन, सह कोषाध्यक्ष श्रीमती अंजलि जैन, सांस्कृतिक सचिव श्रीमती मिलन जैन एवं श्रीमती मोना जैन, सहसचिव श्रीमती नेहा जैन एवं

पूजन प्रभारी श्रीमती शानू जैन को मनोनित किया गया है.


Web Title : SHRI 1008 SIDDHACHAKRA MAHAMANDAL VIDHAN FROM TODAY, 24 MANDALS TO HAVE PUJA VIDHAN OPPORTUNITY, GHATYATRA IN THE CITY