घर और सार्वजनिक पंडालो में विराजें प्रथम पूज्य भगवान गणेश, दस दिनों तक होगी आराधना

बालाघाट. 07 सितंबर शनिवार से प्रारंभ हुए गणेशोत्सव के शुभ मुहर्त में मंदिर, पंडालो और घरो में विध्नहर्ता भगवान गणेश की मनोहारी प्रतिमा विराजित की गई. कहा जाता है कि जगत के कल्याण के लिए भगवान गणेशजी, भगवान शिव और देवी पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर भाद्र मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को कैलाश पर भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र में प्रकट हुए थे. इसलिए इस चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का जन्मोत्सव मनाया जाता है.  देवी देवताओं में प्रथम पूज्य भगवान गणेश के दस दिवसीय गणेशोत्सव की शुरूआत 07 सितंबर से हो गई. शनिवार को भगवान गणेश की मनोहारी और आकर्षक प्रतिमाओं को पूरे भक्तिभाव के साथ विराजित किया गया और दस दिनों तक भक्तिभाव से उनकी पूजा-अर्चना, आराधना और उपासना की जायेगी.

10 दिनों तक मनाये जाने वाले गणेशोत्सव पर्व को लेकर घरो में भक्ति का माहौल है. इस वर्ष सार्वजनिक स्थलों और घरो मंे गणेश स्थापना को लेकर खासी रौनक देखी जा रही है. कहते है कि विघ्नहर्ता और रिद्धी-सिद्धी के दाता एवं बुद्धि के विधाता भगवान गणेश की इन दस दिनों मंे की जाने वाली सच्चे मन से आराधना और उपासना करने वाले भक्त की हर मनोकामना पूर्ण होती है. ऐसा कहा जाता है कि अन्य किसी भी दिनों की अपेक्षा इस दिन गणेशजी की पूजा और आराधना का फल जल्दी प्राप्त होता है. पूरे जिले में मनाये जाने वाले दस दिवसीय गणेशोत्सव पर्व को लेकर भक्तों मे जोश और उत्साह दिखाई दे रहा है.


Web Title : LORD GANESHA WILL BE WORSHIPED FOR TEN DAYS AT HOME AND PUBLIC PANDALS.