हरितालिका तीज: व्रत रखने वाली महिलाओं और युवतियों ने किया सरोवरो में गौर विसर्जन, 24 घंटे निर्जला व्रत रखकर महिलाओं ने की आदिशक्ति की आराधना

बालाघाट. पति की दीर्घायु और सुयोग्य वर की कामना के लिए सुहागन महिलाओं और युवतियों ने हरितालिका तीज पर निर्जला व्रत रखा था. 07 सितंबर को सरोवर में   सुबह गौर विसर्जन का सिललिसा प्रारंभ हो गया था. जिसके बाद महिलाओं और युवतियों ने निर्जला व्रत का पारणा किया.   गौरतलब हो कि 06 सितंबर को  निर्जला व्रत रखने वाली महिलाओं और युवती ने रेत से भगवान का शिवलिंग बनाकर विधि विधान से गौरपूजन किया. जिसके बाद देरशाम को महिलाओं और युवतियों ने भगवान शंकर और माता पार्वती का पूजन किया. शिवक्ति को पूजन सामग्री चढ़ाकर, फल और व्यंजनों का भोग लगाया गया.  

भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाए जाने वाले हरितालिका तीज का निर्जला व्रत, भगवान शिव और माता पार्वती के अखंड जुड़ाव के प्रतिक का पर्व है. मान्यता है कि हरितालिका तीज का व्रत करने से अखंड सौभाग्य और सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है. हरितालिका तीज पर महिलाओं और युवतियों ने भगवान शिव और माता पार्वती का घर में पूजन किया और पूजा करने पहुंची महिलाओं को अखंड सौभाग्य का तिलक लगाकर रात्रि जागरण किया. महिला लता कानतोड़े ने बताया कि हरितालिका तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन कर सुहागन महिलाएं पति की दीर्घायु और युवतियां, सुयोग्य वर की प्रार्थना करती है. रात्रि में पूजन और जागरण के बाद दूसरे दिन, पावन जल में गौर का विसर्जन किया जाकर, निर्जला व्रत करने वाली महिलाएं और युवतियां, व्रत तोड़ती है. जिसके बाद भगवान गणेश की स्थापना की जाती है.  


Web Title : HARITALIKA TEEJ: WOMEN AND YOUNG WOMEN OBSERVE FAST IN LAKES, WORSHIP ADISHAKTI BY FASTING FOR 24 HOURS