आज से 19 दिन बाद मिल जाएगा जिले को नया सांसद, भाजपा और कांग्रेस के बीच जीत-हार की जंग, अप्रत्याशित परिणाम की संभावना

बालाघाट. देश की सरकार चुनने, सात चरणो मे होने वाले लोकसभा चुनाव के चार चरण के चुनाव हो चुके है, अब महज तीन चरणो के चुनाव शेष रह गए है, अंतिम चरण का चुनाव एक जून को होगा. लोकसभा चुनाव के चार चरणो में दो सैकड़ा से ज्यादा सीटो पर चुनाव हो गया है और संसद की कुल सीटो में शेष सीटो का चुनाव पांचवे, छटवे और सातवे चरण में पूर्ण हो जाएगा. जिसके बाद देश की सरकार किस पार्टी की होगी और जिले का सांसद कौन हेागा, इसका फैसला चार जून को हो जाएगा. चार जून को ही जिले का नया सांसद जिले को मिल जाएगा. आज 16 मई से ठीक 19 वें दिन जिले के नए सांसद की राज से पर्दाफाश हो जाएगा.  

गौरतलब हो कि बालाघाट-सिवनी संसदीय क्षेत्र में 2024 के लोकसभा चुनाव में 13 प्रत्याशियों ने अपना भाग्य अजमाया था. जिनका भाग्य 19 अप्रैल को हुए मतदान में जिले की 14 लाख से ज्यादा मतदाताओं ने ईव्हीएम में कैद कर दिया है. हालांकि 13 में केवल भाजपा प्रत्याशी भारती पारधी और कांग्रेस प्रत्याशी सम्राटसिंह सरस्वार के बीच ही जीत और हार का मुख्य मुकाबला है. शेष 11 प्रत्याशी अपनी जमानत बचा पाएंगे की नहीं, इस भी सस्पैस बरकरार है.  

बालाघाट-सिवनी संसदीय क्षेत्र में जहां भाजपा ने मोदी और राम मंदिर के मुद्दे पर चुनाव लड़ा, वहीं कांग्रेस ने कांग्रेस के घोषणा पत्र के मुद्दे पर चुनाव लड़ा. हालांकि लंबे समय से बालाघाट-सिवनी संसदीय सीट पर भाजपा का कब्जा रहा है और लगातार इस संसदीय क्षेत्र से पंवार बाहुल्य प्रत्याशी ही जीतते आ रहे है, यही कारण है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पंवार प्रतिनिधि को ही अपना प्रत्याशी बनाया था. जबकि इस बार कांग्रेस ने जातिगत कार्ड से ज्यादा सामान्य वर्ग के ठाकुर प्रतिनिधि को अपना प्रत्याशी बनाया था. हालांकि लोकसभा के शुरूआत में बालाघाट-सिवनी संसदीय क्षेत्र पर मुकाबला त्रिकोणीय दिखाई दे रहा था लेकिन जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ा, वैसे-वैसे, यह चुनाव भाजपा और कांग्रेेस के बीच हो गया.  

बालाघाट-सिवनी संसदीय सीट पर अब तक भाजपा ही जीतते आ रही है, इस बार भी भाजपा को विश्वास है कि वह यह सीट जीत रही है लेकिन कांग्रेस से सामान्य वर्ग से प्रत्याशी को उतारकर, चुनाव के नए समीकरण को पैदा कर मतदाताओ में एक रूझान पैदा करने का प्रयास किया और यह काफी हद तक कामयाब भी दिखाई दिया. यह प्रयास, जीत की हद तक पहुंचेगा या नहीं, यह तो आने वाले समय बताएगा लेकिन बालाघाट-सिवनी संसदीय सीट को भाजपा एकतरफा मान रही थी, उसमें जरूर रोड़े अटकाने का काम कांग्रेस ने किया है और कांग्रेस ने इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को बराबरी की टक्कर दी है. चूंकि इस बार दोनो ही दलों से नए प्रत्याशी होने के कारण, मतदाताओ में जरूर असमंजस दिखाई दिया, लेकिन मतदाताओं ने अपने पसंदीदा प्रत्याशी को वोट कर उसके भाग्य को ईव्हीएम में बंद कर दिया है.  

जानकार बताते है कि मतदान को महिने बीतने के करीब है लेकिन अब भी यह कोई विश्वास से नहीं कह पा रहा है कि अमुक प्रत्याशी जीत रहा है. जिससे यह सीट पर पेंच फंस गया है और इससे इंकार नहीं किया जा सकता है कि इस चुनाव में बालाघाट-सिवनी संसदीय क्षेत्र के परिणाम अप्रत्याशित होंगे. यही नहीं बल्कि राजनीतिक जानकार, भाजपा के लाखों वोटों से जीत के दावे को सिर से खारिज करते हुए कहते है कि संसदीय क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस के बीच हार-जीत का फैसला एक लाख से भीतर वोटो से होगा. फिलहाल, मतगणना तक ना केवल प्रत्याशियों बल्कि पार्टी नेताओं की भी दिल की धड़कने बढ़ी है, हालांकि कांग्रेस के पास खोने को कुछ नहीं है लेकिन भाजपा के सामने, सीट पर जीत को बनाए रखने की बड़ी चुनौती है और यदि भाजपा जीतती है तो इसका श्रेय किसके सिर बंधेगा, इस पर भी मंथन और चर्चा होने लगी है.


Web Title : THE DISTRICT WILL GET A NEW MP AFTER 19 DAYS FROM TODAY, A BATTLE OF VICTORY AND DEFEAT BETWEEN BJP AND CONGRESS, POSSIBILITY OF UNEXPECTED RESULTS