लोकसभा चुनाव में ताल ठोंकेगे आदिवासी नेता भुवनसिंह कोर्राम, आदिवासी समाज की बैठक में प्रत्याशी चयन और चुनाव की रणनीति तैयार, कमजोर वर्गो के संवर्धन और संरक्षण पर होगा फोकस-कोर्राम

बालाघाट. आजादी के 75 साल बाद भी देश के बड़े राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस द्वारा, अब तक किसी भी आदिवासी प्रतिनिधित्व को अवसर नहीं दिए जाने से नाराज संसदीय क्षेत्र के सबसे बड़ी जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करने वाले आदिवासी समाज ने आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया हैं. जिसमें जिले के आदिवासी समाज के सभी ब्लॉकों के आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से आदिवासी धर्म विकास परिषद के प्रदेश अध्यक्ष भुवनसिंह कोर्राम को लोकसभा प्रत्याशी के रूप में लड़ाने का निर्णय पारित किया है. यही नहीं बल्कि बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति भी बनाई है, ताकि देश के बड़े दलों के प्रत्याशियों को वह चुनौती दे सके.  आदिवासी वोट बैंक के साथ चुनाव मैदान में आदिवासी प्रत्याशी, राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों को कितना प्रभावित करेगा, यह तो आने वाले समय बताएगा, लेकिन लोकसभा चुनाव मैदान में आदिवासी नेता भुवनसिंह कोर्राम ने ताल ठोंक दी है.

बैहर के गोंडवाना सामुदायिक भवन मंे आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर संसदीय क्षेत्र के आदिवासी समाज के ब्लॉको के अध्यक्ष और प्रतिनिधियों ने बैठक की. इस बैठक में भरतलाल मड़ावी, गोपाल कुसरे, बसंत मेरावी, हेमलाल धुर्वे, सुखसिंह नेताम, तिलकचंद खंडवाहे, श्रीमती मीना उइके, गणेश कुंभरे, अनुरसिंह उईके, अनिल उइके, झंकार उईके, शिवलाल सैयाम, मेहतलाल उइके, इंदरलाल धुर्वे, निरंजन पुसाम, बिरनसिंह उईके, ज्ञानसिंह गोनगे, धनसिंह उईके, जे. पी. भलावी, महेश उइके, बैसाखु परते, दशरथ मटावी, मनिराम तेकाम, शिवलाल अड़मे, मोतीसिंह उईके, फूलसिंह उईके, हेमंत पंद्रे, दलसिंग धुर्वे, सालिकराम उइके, हरनाम मेरावी सहित बड़ी संख्या मंे पदाधिकारी मौजूद थे. जहां चुनाव की रणनीति बनाने के साथ ही चुनाव में आदिवासी समाज के लोकसभा चुनाव में प्रतिनिधित्व को लेकर सर्वसम्मति से आदिवासी धर्म परिषद के प्रदेश अध्यक्ष भुवनसिंह कोर्राम के नाम पारित किया गया.  

आदिवासी समाज से लोकसभा चुनाव में प्रतिनिधित्व के लिए सर्वसम्मति से चुने गए आदिवासी नेता भुवनसिंह कोर्राम ने सबसे पहले उनका नाम, लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी के रूप में तय करने के लिए समाज के सभी पदाधिकारियो का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उनकी लड़ाई आदिवासी और कमजोर एवं वंचित एससी, तथा अल्पसंख्यको के मौलिक अधिकार शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, व्यवसाय और कृषि को लेकर होगी. जिसे सांसद में पुरजोर तरीके से उठाया जाएगा. उनका जिले के वंचित और कमजोर वर्गो के संवर्धन और संरक्षण पर फोकस रहेगा. उन्होंने भाजपा और कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन दोनो राजनीतिक पार्टियों ने आजादी के 75 साल बाद भी आदिवासी नेतृत्व को प्रतिनिधित्व ना देकर, आदिवासी समाज को डिस्पोजल के रूप में उपयोग कर फेंकने का काम किया है. इसी चिंतन और मनन के बाद आदिवासी समाज ने अपने हक और अधिकार के लिए सांसद चुनाव लड़ने की रणनीति तैयार की है.


Web Title : TRIBAL LEADER BHUVAN SINGH KORRAM WILL BEAT THE LOK SABHA ELECTIONS, CANDIDATE SELECTION AND ELECTION STRATEGY WILL BE PREPARED IN THE TRIBAL SOCIETY MEETING