कहां जायें खेलने: मैदानों का व्यवसायिक उपयोग खेल गतिविधियों को कर रहा प्रभावित, खिलाड़ियों के खेल से ज्यादा व्यवसायिक गतिविधियों को दिया जा रहा बढ़ावा-आरोप

बालाघाट. वैसे तो जिले में तीन खेल मैदान है और एक मैदान वनविभाग का रंेजर कॉलेज में है, जहां खेल गतिविधियां आयोजित होते रहती है, लेकिन मुलना मैदान में ग्रास फील्ड लगाने का काम चल रहा है, जो कब पूरा होगा, यह कहा नहीं जा सकता. जिससे यह मैदान किसी भी खेल गतिविधि के लिए वर्तमान में बंद है, बनिस्मत ऐसे ही स्थिति नगरपालिका स्कूल के खेल मैदान की है, जहां इस मैदान को एक साल पहले एस्ट्रोटर्फ मैदान बनाने के लिए माननीयो के हस्ते भूमिपूजन किया गया था, लेकिन माननीयो के चहेते ठेकेदार की लेटलतीफी के कारण यह खेल मैदान भी खेल और खिलाड़ियों से वंचित हो गया है. बात करें सार्वजनिक और खेलो में दर्शकों के आकर्षण का केन्द्र उत्कृष्ट विद्यालय खेल मैदान की यह सार्वजनिक कार्यक्रमांे की शोभा बढ़ाने का काम कर रहा है और रेंजर कॉलेज का खेल मैदान वैसे तो अन्य समय खुला रहता है लेकिन वहां भी अब विभागीय खेल गतिविधियां आयोजित होने वाली है, जिससे अब शहर के अन्य खिलाड़ियों को खेलने के लिए कोई मैदान उपलब्ध नहीं हैै.

हमेशा ही माननीय और खेलो के महारथी, कभी सार्वजनिक मंचो से कहने से नहीं चूकते कि जिले में खेल प्रतिभाओ की कमी नहीं है, लेकिन खेल प्रतिभाओ को निखारने मैदान की उपलब्धता पर हर कोई मौन हो जाता है. बात करें नवोदित क्रिकेट खिलाड़ियांे के अभ्यास की तो अब तक जिला क्रिकेट संघ जिले के नवोदित खिलाड़ियों को उत्कृष्ट विद्यालय के खेल मैदान में प्रशिक्षण दे रहा था, लेकिन अब वह मैदान मेले के आयोजकों न हैंडओवर कर दिया है, जैसे-तैसे खिलाड़ी अभ्यास करने रेंजर कॉलेज मैदान पहुंचे थे तो वहां भी उन्हें पता चला कि इस मैदान में विभागीय खेल प्रतियोगिता आयोजित होना है, जिससे अब खिलाड़ियों को समझ नहीं आ रहा है कि वहां कहां खेले.

खेल मैदान के व्यवसायिक प्रयोग के कारण खेल गतिविधियों पर इसका सीधा असर पड़ रहा है, ऐसे में स्वस्थ्य तन में ही स्वस्थ्य मन की बात करने वाले खिलाड़ियों के खेल के माध्यम से स्वस्थ्य तन की ओर कतई गंभीर नजर नहीं आते है. बालाघाट में खेल और खिलाड़ियों को मैदान की उपलब्धता पूरे सुविधाओ के साथ देने वाले युवा नेता भी मैदान के व्यवसायिक उपयोग को लेकर खामोश है. फिर कैसे खिलाड़ी खेले और आगे बढ़े. बहरहाल यह न केवल शासन, प्रशासन और जिले के जनप्रतिनिधियों को बल्कि अपने बच्चों को खिलाड़ी बनाने की भावना रखने वाले हर अभिभावकों को सोचने और इसका प्रतिकार करने की जरूरत है कि खेल मैदानों का व्यवसायिक उपयोग न हो.

बहरहाल जिला क्रिकेट संघ सचिव निशांत मिश्रा ने नवोदित खिलाड़ियों को अभ्यास करने मैदान नहीं मिलने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस पर शासन, प्रशासन को ध्यान देना चाहिये.


Web Title : WHERE TO PLAY: COMMERCIAL USE OF GROUNDS AFFECTED BY SPORTS ACTIVITIES, PROMOTION OF BUSINESS ACTIVITIES MORE THAN SPORTS OF PLAYERS CHARGES