नवी मुंबई के खारघर स्थित ´ग्लोबल होम्स रियलिटी´ के दफ्तर में मैथिली फिल्मों की दशा-दिशा और इसके संवर्धन व संरक्षण पर विस्तृत चर्चा करने के लिए वहाँ के मैथिल समाज के कई गणमान्य व्यक्ति एकत्रित हुए. इस अवसर पर हालिया रिलीज मैथिली फिल्म ´प्रेमक बसात´ के निर्माता वेदान्त झा और लेखक-निर्देशक रूपक शरर ने विशेष रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
इन दोनों का भव्य स्वागत करते हुए ´ग्लोबल होम्स रियलिटी´ के प्रोपराइटर मोहन झा जी ने कहा कि मैथिली की निःस्वार्थ सेवा सही मायने में आप लोग ही कर रहे हैं. यह जानते हुए कि मैथिली फिल्मों का बाजार नहीं है फिर भी आपने मैथिली में फिल्म बनाने का दुस्साहस किया है. मोहन जी ने आश्वासन दिया कि मैथिली फिल्मों के प्रोत्साहन में ´नवी मुंबई मैथिल´ समाज हर सम्भव सहायता करने को तैयार है.
इस अवसर पर प्रसिद्ध मैथिल समाजसेवी एस सी मिश्रा ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रेमक बसात से मैथिली फिल्मों के प्रति दर्शक जागरूक हुए हैं और अपनी भाषा के लिए उनका प्रेम दुगुना हुआ है. आयोजन का मुख्य आकर्षण रहे मैथिली फिल्म के एकमात्र स्टार अभिनेता,ललितेश झा जी ने बताया कि आज से बीस वर्ष पहले जब उनकी फिल्म ´सस्ता जिनगी महग सेनूर´ आयी थी तब संचार माध्यम इतना विकसित नहीं था जितना कि आज है.
इसलिए आज के समय की मांग है कि मैथिली भाषा में अच्छी फिल्में बने जिससे कि इसका बाजार विकसित हो. आयोजित परिसंवाद में विपुल संख्या में नवी मुंबई रहिवासी प्रवासी मैथिल समाज के वरिष्ठ और कनिष्ठ मैथिलसेवी अनुरागी उपस्थित थे जिनमें सर्वश्री राजकुमार झा, मोहन झा, सुभाष शंकर झा ´राजूजी´, ललित पाठक, मुरारी ठाकुर, कृष्ण कान्त झा, कृष्ण कुमार झा ´किसुनजी´, हेमन्त झा, रमन झा, प्रदीप कुमार झा, रजनीश चौधरी,राजन झा, अशोक कुमार ´पिन्टू´ और अबोध राऊत के नाम अग्रगण्य हैं.
प्रेमक बसात के निर्माता वेदान्त झा ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि उन्हें सिर्फ दस ऐसे मैथिल हर शहर में मिल जांय जो मंच पर जाकर ´पाग´ पहनने के बजाय पर्दे के पीछे रह कर समाजसेवा करते हों तो निस्संदेह वह निकट भविष्य में मैथिली फिल्मों का बाजार स्थापित करने में सफल होंगे.