सिंदरी खाद कारखाना के लिए सिर्फ हो रही सरकारी घोषणा

धनबाद : सिंदरी खाद कारखाना की बंदी की आज तेरहवीं बरसी है. झारखंड विधानसभा चुनाव के वक्त सिंदरी में उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने पीएम के नाम के साथ घोषणा की थी कि सिंदरी खाद कारखाना खोलने का निर्णय हो चुका है. मंत्री के आश्वासन पर लोगों ने भाजपा प्रत्याशी फूलचंद मंडल को विजयी बनाने का काम किया. उस सभा में सांसद पीएन सिंह, वर्तमान सीएम रघुवर दास उपस्थित थे.

31 दिसंबर 2002 को सिंदरी कारखाना बंद हुआ था. कारखाना में कार्यरत कर्मचारियों को वीएसएस के तहत सेवानिवृत्त कर दिया गया था. हर बार नए साल से पूर्व जब जब यह तारीख आती है तब वीएसएस के तहत नौकरी से हटाए गए कर्मचारियों एवं उनके परिजन की टीस बढ़ जाती है. जख्म हरे हो जाते हैं. सिंदरी कारखाना के बंद होने के साथ ही कारखाना में कार्यरत 2200 कर्मियों के सपने भी उजड़ गए थे.

कारखाना बंदी का असर सिर्फ कर्मियों पर ही नहीं पड़ा, बल्कि कारखाना एवं कर्मियों से किसी किसी रूप में जुड़े आजीविका चलाने वाले सभी लोगों पर पड़ा. सप्लाई लेबर, कॉन्ट्रेक्ट लेबर, कॉन्ट्रेक्टर, व्यवसायी, किसान, नट बोल्ट, ग्रीस, मोबिल सहित अन्य सामान बनाने वालों पर भी बंदी का असर पड़ा.

31 अक्टूबर 1951 से सिंदरी खाद कारखाना के सुखद योगदान की शुभयात्रा देश के प्रथम सार्वजनिक उपक्रम के रूप में शुरू हुई, जिसे 2 मार्च 1952 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने राष्ट्र को समर्पित किया था. उस कारखाने में प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद सहित कई विदेशी मेहमान भी दौरा कर चुके हैं.

केंद्र सरकार ने कागजी कार्रवाई करते हुए छह हजार करोड़ की लागत से सिंदरी खाद कारखाना के पुनरुद्धार की घोषणा की. इसके तहत 1.27 मिलियन टन वार्षिक उत्पादन क्षमता वाले यूरिया संयंत्र की स्थापना निजी कंपनियों द्वारा की जानी है. सरकार द्वारा कोई भी स्पष्ट घोषणा नहीं होने से जनता में संशय की स्थिति है.

वर्ष 1992 में सिंदरी खाद कारखाना को घाटा के नाम पर तत्कालीन केंद्र सरकार द्वारा बीआईएफआर में भेज दिया गया. आईसीआईसीआई, फेडो, ग्रुप ऑफ मिनिस्टर आदि कई विशेषज्ञ कमेटियों के पास पुनरुद्धार के लिए मामला गया, लेकिन नतीजा उल्टा ही निकला और अंतत: 31 दिसंबर 2002 को कारखाना बंद कर दिया गया.

वर्ष 2004 में केंद्र में यूपीए सत्तासीन हुई. धनबाद लोकसभा क्षेत्र से सांसद बनने वाले चंद्रशेखर दूबे ने बंद खाद कारखाना को खुलवाने का सपना दिखाना शुरू किया. वीआरएस के तहत सेवानिवृत्त पूर्व कर्मियों, व्यवसायियों ग्रामीण जनता आदि में एक आस जगी कि खाद कारखाना पुन: खुलेगा, पर कुछ नहीं हुआ.

 

Web Title : ONLY JUST OFFICIAL ANNOUNCEMENT FOR SINDRI FERTILIZER PLANT