काली पूजा को लेकर तैयारियां पूरी, भक्त पहुंचने लगे दर्शन करने

धनबाद : श्री श्री श्यामा पूजा कमेटी, झरनापाड़ा हीरापुर पार्क मार्केट के चिल्ड्रन पार्क में काली पूजा की सभी तैयारियां पूरी हो गई है. आज माँ के दरबार में दर्शन करने के लिए सुबह से ही भक्त पंडाल में पहुंचने लगे थे. समिति के अध्यक्ष पी.एल. बर्नवाल तथा सचिव मुरारी मोहन चटर्जी ने बताया कि समिति पिछले 37 सालों से लगातार काली पूजा का आयोजन कर रही है.

यहां पर बिचाली से पंडाल का निर्माण किया गया है. पंडाल के बाहरी हिस्से को काल्पनिक मंदिर और अंदर के दृश्य को गांव का रूप दिया गया है. पश्चिम बंगाल के काथी जिले के कारीगरों ने इस खूबसूरत पंडाल को तैयार किया है. पंडाल की विद्युत सज्जा के लिए चंदन नगर से आकर्षक उपकरण मंगाए गए हैं.

माँ की प्रतिमा का निर्माण भी बंगाल के मूर्तिकारों ने किया हैं. यहां पर काली पूजा के साथ मेला भी लगाया जाता है. श्री श्री श्यामा पूजा कमेटी ने पार्क मार्केट में काली पूजा की शुरुआत साल 1980 में की थी. स्थानीय लोगों ने मिलकर छोटे स्तर पर काली पूजा का आयोजन किया था.
बाद में लोग जुटते गए और पंडालों का आकार भी बड़ा होता गया. आज यहां की पूजा अपने पारंपरिक स्वरूप के साथ-साथ अपनी भव्यता और कलात्मकता के लिए प्रसिद्ध हो चुकी है. दूर दराज के क्षेत्र से लोग यहां पर काली पूजा देखने के लिए आते हैं.

समिति के अध्यक्ष पी.एल. वर्णवाल, सचिव मुरारी मोहन चटर्जी तथा समिति के सदस्य पिंकू वर्मा, चितरंजन दूबे, गोनू दा, देबू दा, बासु दा, विकास सिंह, एसपी मित्रा, पार्थो मजुमदार, टिंकू सिंह, ज्योतिर्मय सरकार काली पूजा को लेकर दिन-रात सक्रिय है. पार्क मार्केट के साथ हीरापुर के दुर्गा मंदिर प्रांगण में भी काली पूजा का आयोजन किया गया है. यहां भी माँ काली की आकर्षक मूर्ती स्थापित की गई है. निरसा क्षेत्र के विभिन्न काली और दुर्गा मंदिर परिसर में भी माँ काली की पूजा को लेकर तैयारियां की गई है.

निरसा काली मंदिर, खास निरसा नयाडांगा स्थित काली मंदिर परिसर, भामल के काली मंदिर, भालजुरिया स्थित भवतारिणी मंदिर और दुर्गा मंदिर परिसर में माँ काली की पूजा की जा रही है. निरसा काली मंदिर परिसर में माँ काली की 12 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण किया गया है. पांड्रा गांव के शिल्पी रंजीत सेन और प्रदीप सेन ने मिलकर इसका निर्माण किया है.

इस संबंध में रंजीत सेन प्रदीप सेन ने बताया कि मेरे दादाजी और पिता भी काली मंदिर में माँ काली की प्रतिमा का निर्माण किया करता थे. हमलोग उसी परंपरा को चला रहे हैं.

खुदिया नदी तट पर माँ बन काली और लाल बाजार के माँ रक्षा काली मंदिर में काली पूजा की जोरदार तैयारी की गई है. शनिवार की रात दोनों मंदिरों में सैकड़ों पाठों की बलि दी जाएगी. वनकाली मंदिर में माँ काली की पूजा वर्षों से हो रही है. बताया जाता है कि शिवपति राज ने बंगाल के तीरल से लाकर माँ की स्थापना की थी. नगरकियारी राज के आचार्य राम विष्णु लायक ने देवी की प्रतिष्ठा की थी.




Web Title : PREPARATIONS COMPLETE FOR KALI PUJA