नंदवाना समाज ने की वीरातरा श्री वांकल माता की पूजा

धनबाद : कोलफिल्ड नंदवाना समाज ने आज अपनी कुलदेवी वीरातरा श्री वांकल माता की पूजा और महाआरती की. कार्यक्रम का आयोजन कतरास रोड स्थित डेलेविला में किया गया था. इस अवसर पर ऋषि एवं इशिता चंचनी ने शास्त्री गौतमभाई जोशी के नेतृत्व में माता की पूजा और महाआरती की.

नंदवाना समाज के अग्रणी शैलेनभाई वोरा ने बताया कि हर वर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया को भारत सहित विदेश में बसे नंदवाना समाज के लोग कुलदेवी वीरातरा श्री वांकल माता की पूजा करते हैं.उन्होंने बताया कि वीरातरा श्री वांकल माता का मुख्य मंदिर भारत-पाकिस्तान सीमा से मात्र 16 कि.मी. की दूरी पर राजस्थान के बाड़मेर जिला के विराणा में है.

ऐसी मान्यता है कि जब वीर विक्रमादित्य बालूचिस्तान के अभियान में गये तब उन्होंने वांकल विरातरा माता से प्रार्थना करते हुए कहा था कि यदि वह विजय रहा तो आराधना करने के लिए वांकल माता को अपने साथ ले जाएगा. माता की कृपा से विक्रमदित्य की विजय हुई. इस देवी के प्रति असीम श्रद्धा जैसलमेर राजघराने की भी रही थी.1752 में महारावल अमरसिंह ने इस मंदिर में वीरघंटा चढ़ाई थी, जो आज भी मंदिर में विद्यमान है.

कार्यक्रम में जनकगौरी वोरा, बिनाबेन वोरा, कानन वोरा, दीपेन चनचनी, संजीव चनचनी, नरेन्द्र बोल, विक्रम वोरा, सुरेश चनचनी, विक्रम बोल, दिनेश सामराणी, वरूण सामराणी, विपुल वोरा, शिलु वोरा, हेमा याज्ञनिक, कौशिक वोरा, राजेश वोरा सहित नंदवाना समाज के अन्य लोग उपस्थित थे.

Web Title : WANKAL MATA PUJA CELEBRATED BY NANDVANA SOCIETY