एक ऐसा शिवलिंग जिसपर अंकित है कुरान का कलमा, जहाँ पूजा के साथ साथ अदा की जाती है नमाज

शिव को पुरातन काल से हिंदुओं का प्रमुख देवता माना जाता है. शिव को हिन्दू दर्शन में शीर्ष स्थान प्राप्त है. यही कारण है कि आदिकाल से हिन्दू धर्म के लोग शिव की उपासना प्रमुख रूप से करते आए हैं. शिव संस्कृत भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ “शुभ” है. इस प्रकार से शिव शुभता का प्रतीक सिद्ध होते हैं. मंदिरों में भी शिव मंदिर का स्थान प्रमुख माना जाता है. इसलिए भारत में आपको सबसे अधिक शिव मंदिर ही मिलेंगे.

आपने भी बहुत से शिव मंदिरों को अपने जीवन में देखा होगा और वहां गए भी होंगे पर क्या आपने कभी ऐसे शिव मंदिर के बारे में सुना है जिसमें हिंदुओं की पूजा के साथ- साथ मुस्लिम लोग भी नमाज़ अदा करते हैं?

जी हां, हम आपको ऐसे शिव मंदिर के बारे में बता रहे हैं जहां मुस्लिम लोग नमाज अदा करते हैं. यह शिव मंदिर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से कुछ दूरी पर सरया तिवारी नामक गांव में स्थित है. यह एक प्राचीन मंदिर है और इसका नाम झारखंडी महादेव है. यह मंदिर अपने आप में बहुत ही अनोखा और खास माना जाता है.

इसके पीछे की कहानी महमूद गजनवी से जुड़ी है. कहानी के अनुसार यहां के शिवलिंग की महिमा और प्रसिद्धि सुनने पर महमूद गजनवी ने इसे तोड़ने की बहुत कोशिश की. अपनी पूरी ताकत लगाने पर भी वह इसे तोड़ नहीं पाया. शिवलिंग को न तोड़ पाने पर उसने इस पर कुरान का एक कलमा लिखवा दिया ताकि इस शिवलिंग की प्रसिद्धि कम हो जाए और हिंदू इसकी पूजा करना बंद कर दें.

महमूद गजनवी के कलमा लिखवाने के बाद इस शिवलिंग की प्रसिद्धि कई गुना बढ़ गई और यह शिव मंदिर हिंदुओं के साथ-साथ मुस्लिमों की भी आस्था का केन्द्र बन गया.

इस शिव मंदिर में कई बार छत बनवाने की कोशिश की गई, लेकिन कोई भी इस काम को करने में सफल न हो सका. इसी वजह से इस मंदिर में आज तक छत नहीं है और मंदिर का शिवलिंग खुले आसमान के नीचे आज भी स्थापित है.

इस शिव मंदिर को लेकर एक और मान्यता प्रचलित है. मान्यता के अनुसार इस शिव मंदिर में स्थापित शिवलिंग को किसी भी मनुष्य ने स्थापित नहीं किया बल्कि यह अपने आप प्रकट हुआ था. स्वयं प्रकट होने की वजह से यह शिवलिंग बहुत ही खास और चमत्कारी माना जाता है.

गोरखपुर उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में से एक है. यहां के लिए नियमित रूप से हवाई मार्ग, रेल गाड़ियां और सड़क मार्ग की सुविधाएं उपलब्ध हैं.



 





Web Title : A LINGAM IS IMPRINTED WITH THE KALMA OF THE QURAN, WHERE WORSHIPPERS ARE PAID WITH PRAYERS