झारखंड में बदले गए स्कूलों के नाम, हटाया गया हिंदू और रामरुद्र शब्द; विवाद

2 मई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यभर में 80 उत्कृष्ट विद्यालयों का उद्घाटन किया था. सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त और अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त इन सरकारी स्कूलों का नाम अब सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस कर दिया गया है. बस यहीं बवाल हो गया. दरअसल, उत्कृष्ट विद्यालयों के रूप में विकसित 2 ऐसे स्कूलों का नाम भी बदला गया जिसमें पहले से हिंदू और रामरुद्र शब्द जुड़ा था. अब स्कूलों के नाम से यही हिंदू और रामरुद्र शब्द हटा दिया गया है. जहां विभाग इसे नियमों के तहत किया गया बदलाव कह रहा है तो वहीं स्थानीय लोगों में इसे लेकर नाराजगी है. मामला लोहरदगा और बोकारो जिला स्थित 2 उत्कृष्ट विद्यालयों से जुड़ा है.  

दरअसल, लोहरदगा के नदिया स्थित नदिया हिंदू हाईस्कूल का नाम अब हो गया डिस्ट्रिक सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस. इसमें पहले से लिखा हिंदू शब्द हटा दिया गया वहीं बोकारो के चास स्थित रामरुद्र प्लस-2 हाईस्कूल भी अब सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस हो गया है. विभाग कह रहा है कि इसमें कोई मंशा नहीं थी बल्कि उत्कृष्ट विद्यालयों के नाम रखने की स्वाभाविक प्रक्रिया के तहत यह हुआ है. हालांकि, लोगों का कहना है कि शिक्षा विभा ग द्वारा जारी पत्र में कई अन्य स्कूलों के नाम के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई बल्कि उसमें केवल सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस जोड़ा गया है. स्थानीय लोगों को हिंदू और रामरुद्र शब्द  हटाने से आपत्ति है.  

मिली जानकारी के मुताबिक लोहरदगा स्थित डिस्ट्रिक सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का नाम पहले नदिया हिंदू हाईस्कूल था. इसकी स्थापना औपनिवेशिक शासनकाल के दौरान वर्ष 1932 ईस्वी में की गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्थानीय शिक्षाविद मदन मोहन पांडेय ने कहा कि तब स्कूल का निर्माण करने के लिए बिड़ला ने जमीन दान में दिया था और शर्त रखी थी कि इसका नाम नदिया हिंदू हाईस्कूल ही होगा. कई स्थानीय हिंदु व्यापारियों ने इसके निर्माण में आर्थिक सहायता दी थई. अब उसमें से हिंदू शब्द हटाना दुर्भाग्यपूर्ण है और हम इसकी निंदा करते हैं.  

दूसरी ओर चास (बोकारो) स्थित रामरुद्र प्लस-2 हाईस्कूल का नाम भी बदलकर डिस्ट्रिक सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस कर दिया गया है. वहां भी स्थानीय लोगों ने रामरुद्र शब्द हटाए जाने पर आपत्ति जताई है. गौरतलब है कि कई अन्य स्कूलों से भी कुछ शब्द हटाए गए हैं लेकिन यहां हिंदू और रामरुद्र शब्द हटाए जाने पर लोगों को आपत्ति है. गौरतलब है कि नई शिक्षा नीति के तहत गुणवत्तापूर्ण पठन-पाठन मुहैया कराने के उद्देश्य से झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने 80 उत्कृष्ट विद्यालयों की शुरुआत की. इन स्कूलों में डिजिटल बोर्ड, वाईफाई युक्त लाइब्रेरी, बेंच-डेस्क, कम्प्यूटर और टैब जैसे उपकरणों के जरिए पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. यहां लिखित परीक्षा के आधार पर दाखिला होगा.  

Web Title : NAMES OF SCHOOLS CHANGED IN JHARKHAND, WORDS HINDU AND RAMRUDRA REMOVED; DISPUTE

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