कराते बिना शस्त्र एवं अस्त्र से लड़ने की एक कला-जयश्री, कन्या महाविद्यालय में छात्राआंे को दिया गया रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण

बालाघाट. कन्या महाविद्यालय में स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के अंतर्गत अल्पासवधि स्व-रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण, प्राचार्य डॉ. निधि ठाकुर एवं स्वा्मी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ की संयोजक डॉ. अनुभूति सेंडीमन के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में संचालित हो रहा है. इसी कड़ी में 01 सितंम्बर को प्रशिक्षण में मुख्यन वक्ता  के रूप में रक्षिका शौर्य शक्ति फाउंडेशन की संचालिका श्रीमती जयश्री सोनवाने द्वारा छात्राओं को महिला सशक्तिकरण के बारे में विस्तृात जानकारी दी गई. उन्हो्ने बताया की महिलाओ को आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक रूप सें सशक्त होना ही सशक्तिकरण है. अगर हम सशक्त होंगे तो दूसरो की मदद भी कर सकेंगे. इस दौरान उन्होंने आत्मररक्षा के लिए कराते के बारे में बताते हुए कहा कि  कराते बिना शस्त्र एवं अस्त्र से लड़ने की एक कला है, इसे सीखने से आत्मविश्वांस बढ़ता है. हमें अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए, जिससे हम अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते है.   प्रशिक्षण में महाविद्यालय छात्राओ के साथ स्वानमी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ सदस्य डॉ. अरूण बोरकर, विजय तुरकर, श्रीमती स्वाती जैन, विनोद ठाकुर, डॉ. श्वे‍ता मोर उपस्थित थे.  


Web Title : AN ART OF FIGHTING ARMS AND WEAPONS WITHOUT ARMS JAISHREE, EMPLOYMENT ORIENTED TRAINING GIVEN TO GIRL STUDENTS IN GIRLS COLLEGE